Jalore: सांचौर जिला निरस्त करने के विरोध में महापड़ाव शुरू हुआ
कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा
जालोर: राजस्थान सरकार द्वारा सांचोर जिले को समाप्त किये जाने के बाद स्थानीय लोगों में भारी रोष है। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ जिला बचाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में सांचोर कलेक्टर कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया। जिले के लोग और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि इस आंदोलन में शामिल होकर सांचोर को पुनः जिला घोषित करने की मांग कर रहे हैं।
आज जिले से बड़ी संख्या में लोग महापड़ाव के तहत कलेक्टर कार्यालय के बाहर एकत्र हुए। इस आंदोलन के समर्थन में सांचौर के बाजार भी बंद रहे। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक सरकार सांचोर जिले को बहाल नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा।
सांचोर जिला संघर्ष समिति के सदस्य भीमाराम चौधरी ने बताया कि महापड़ाव के तहत प्रतिदिन दो पंचायतें बुलाई जाएंगी तथा राजपत्र अधिसूचना की प्रति के साथ हाईकोर्ट में रिट दायर की जाएगी। उनका कहना है कि यदि 45 किलोमीटर दूर का क्षेत्र जिला बन सकता है तो जिला मुख्यालय जालोर से 155 किलोमीटर दूर सांचोर जिला क्यों नहीं बन सकता?
संघर्ष समिति ने विरोध प्रदर्शनों के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं, जिसके तहत प्रमुख त्योहारों के दौरान विरोध प्रदर्शन स्थगित रहेंगे तथा अन्य दिनों में मौन प्रदर्शन किया जाएगा। महापड़ाव प्रत्येक माह के अंतिम दिन आयोजित किया जाएगा तथा ग्राम पंचायतों एवं नगर पालिकाओं के वार्डों से बारी-बारी से भागीदारी तय की जाएगी। इसके अलावा जागरूकता फैलाने के लिए गांवों में पदयात्राएं और रात्रि चौपालों का भी आयोजन किया जाएगा।
संघर्ष समिति का कहना है कि जब तक सांचौर को पुनः जिले का दर्जा नहीं मिल जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जिले की पुनः स्थापना के संबंध में उचित निर्णय लिया जाए, क्योंकि सांचोर को अपनी भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या और सीमा सुरक्षा को देखते हुए जिला बने रहना आवश्यक है।