Jalore : अनुसूचित जनजाति उपयोजना के तहत जीवाणा में मोठ की उन्नत

Update: 2024-07-30 12:19 GMT
Jalore जालोर । कृषि विज्ञान केन्द्र केशवना द्वारा अनुसूचित जनजाति उपयोजना के तहत विभिन्न तकनीकी हस्तक्षेपों के माध्यम से अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवार की आय में वृद्धि कर उन्हें स्थायी आजीविका प्रदान करने तथा उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से जीवाणा में जनजातीय किसानों के लिए मोठ की वैज्ञानिक खेती पर असंस्थागत प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जीवाणा सरपंच उत्तम सिंह धनेचा सहित
कुल 30 किसानों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में नोडल ऑफिसर डॉ पवन कुमार पारीक ने किसानों को मोठ फसल की उन्नत खेती की जानकारी दी तथा मोठ फसल को पश्चिमी राजस्थान में उगाई जाने बाली दलहन फसलों में प्रमुख फसल देते हुए कहा कि इस फसल में सूखा सहन करने की क्षमता अन्य दलहन फसलों की अपेक्षा अधिक होती है।
केंद्र के शस्य वैज्ञानिक बिरम सिंह गुर्जर ने मोठ की उन्नत किस्म आर एम् ओ 435 की विशेषताओ को बताते हुए मोठ की वैज्ञानिक खेती के लिए बुवाई से कटाई तक सभी कृषि क्रियाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कृषि में उन्नत बीज के महत्व एवं मोठ की फसल में लगने वाले रोग एवं कीटों के बारे में किसानों को जानकारी दी।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंत में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 25 किसानों को मोठ की उन्नत किस्म आरएमओ 435 का अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन दिया गया।
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