Jalore: गिव-अप अभियान की अवधि 28 फरवरी तक बढ़ी विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन

Update: 2025-02-03 14:24 GMT
Jalore जालोर। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अपात्र लाभार्थियां को स्वैच्छिक रूप से लाभ त्याग करने को लेकर सरकार की ओर से गिव-अप अभियान के तहत जिले में अब तक 1652 परिवारों ने लाभ का त्याग किया गया है। अब इस अभियान की समयसीमा 31 जनवरी से बढ़ाकर 28 फरवरी तक की गई है।
जि रसद अधिकारी एवं जिला उपभोक्ता संरक्षण अधिकारी आलोक झरवाल ने बताया कि सरकार द्वारा इस विशेष अभियान के तहत जिले में अब तक 1652 खाद्य सुरक्षा लाभार्थी परिवारों की गिव अप अभियान के तहत जिला रसद कार्यालय में आवेदन किया है। आवेदन के आधार पर इन लाभार्थियों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची से पृथक कर दिए गए हैं। यह योजना 28 फरवरी, 2025 तक प्रभावी है। 28 फरवरी तक त्याग नहीं करने वाले अपात्र लाभार्थियों के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक
कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने बताया कि जिले में अपात्र एनएफएसए परिवारों से अपील की हैं कि वे स्वेच्छा से एनएफएसए योजना के लाभ का त्याग करें ताकि गरीब पात्र व वंचित परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ मिल सकें। एनएफएसए योजना के तहत ऐसे परिवार जिसमें कोई आयकरदाता हो, जिसका कोई सदस्य सरकारी/अर्द्धसरकारी/स्वायत्तशासी संस्थाआें के कर्मचारी-अधिकारी हो, एक लाख से अधिक वार्षिक पारिवारित आय हो एवं परिवार में किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन हो (ट्रेक्टर आदि जीवकोपार्जन में प्रयुक्त वाहन को छोड़कर) निष्कासन सूची में आते है। सरकार द्वारा इन श्रेणियों के परिवारों से स्वेच्छा से 28 फरवरी तक जनहित में एनएफएसए योजना का लाभ का त्याग करने का आह्वान किया हे।
ऐसे हटवा सकते हैं अपना नाम
योजना से नाम हटाने के लिए 28 फरवरी, 2025 तक संबंधित व्यक्ति को अपनी उचित मूल्य दुकान या जिला रसद कार्यालय जालोर पर जाकर निर्धारित फार्म भरना होगा अथवा विभाग के पोर्टल विवकण्तंरण्दपबण्पद पर ऑनलाइन आवेदन कर लाभ का त्याग कर सकते है। इस प्रक्रिया के तहत उन्हें यह घोषणा करनी होगी कि वे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत आने के लिए अयोग्य है और स्वेच्छा से योजना से बाहर हो रहे है। स्वेच्छा से नाम हटवाने पर कोई वसूली नहीं की जाएगी।
नहीं हटाया नाम तो होगी कार्यवाही
जो व्यक्ति 28 फरवरी, 2025 तक अपना नाम योजना से नहीं हटाएंगे उनके विरूद्ध विशेष अभियन चलाकर कार्यवाही की जाएगी। ऐसे व्यक्तियों से उनके द्वारा प्राप्त खाद्यान्न की बाजार दर से वसूली की जाएगी व आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रावधानों के तहत उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
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