Jaipur : विरासत प्रबंधन को टेक्नोलॉजी नये आयाम दे रही है - दिया कुमारी

Update: 2024-07-21 14:39 GMT
Jaipur जयपुर । राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने रविवार को कहा कि संवर्धित वास्तविकता (एआर) और आभासी वास्तविकता (वीआर) सहित आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करके विरासत स्थलों के प्रबंधन, संरक्षण और संवर्धन में आगे बढ़ने का रास्ता है।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने भारत द्वारा पहली बार आयोजित विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र को सम्बोधित करते हुए उक्त विचार व्यक्त किए। नई दिल्ली के भारत मंडपम में 21 जुलाई से 31 जुलाई 2024 चलने वाले विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र में अपने सम्बोधन में उन्होंने यह भी कहा कि “संरक्षण तकनीक में मदद करने वाले वर्चुअल टूर, ऑगमेंटेड रियलिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल दुनिया भर में बढ़ रहा है और हम विरासत संरक्षण और इन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने की भी कोशिश कर रहे हैं।”
दिया कुमारी ने कहा कि राजस्थान में, हमने यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल जयपुर के चारदीवारी वाले शहर के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट अलग रखा है, साथ ही हमारे सदियों पुराने मंदिरों सहित कई अन्य विरासत स्थलों के नवीकरण और संरक्षण के लिए भी कार्य किए जाएंगे।
इस सत्र का उद्घाटन रविवार को भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया। उद्घाटन समारोह में यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले और यूनेस्को विश्व धरोहर सचिवालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ विभिन्न देशों के संस्कृति मंत्रियों, राजदूतों और डोमेन विशेषज्ञों जैसे अन्य उच्च-स्तरीय गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व विरासत सूची में भारत की 42 संपत्तियों को शामिल किया है जिनमें 34 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक, 1 मिश्रित विरासत स्थल शामिल हैं - जयपुर उनमें से एक है। इसके अलावा, विश्व धरोहर की अस्थायी सूची में भारत के 57 स्थल हैं।
दिया कुमारी ने कहा कि 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक संस्कृति मंत्रालय की ओर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा आयोजित की जा रही है। यह आयोजन वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने और हमारी विश्व धरोहर संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत के लगातार बढ़ते कद की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विश्व धरोहर समिति में यूनेस्को की महासभा द्वारा चुने गए विश्व धरोहर सम्मेलन (1972) के 21 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
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