Jaipur : पूर्ववर्ती सरकार के कुप्रबंधन तथा बैंकिंग के कारण बिजली कटौती -ऊर्जा मंत्री

Update: 2024-07-22 11:02 GMT
Jaipur जयपुर । ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हीरालाल नागर ने सोमवार को विधानसभा में अवगत कराया कि पूर्ववर्ती सरकार के समय के कुप्रबंधन तथा इस विषम परिस्थिति में भी बैंकिंग समझौते के तहत लौटाई जा रही बिजली के कारण प्रदेश में जनता को बिजली की कटौती झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। इसके बावजूद राज्य सरकार प्रदेश में उत्पादन में बढ़ोतरी सहित अन्य उपायों के जरिए बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए
लगातार प्रयासरत है।
श्री नागर प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अत्यधिक गर्मी एवं हीटवेव के कारण बिजली की मांग में गत वर्ष की तुलना में 25 से 28 प्रतिशत तक की अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश के तापीय विद्युतगृहों को कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करने, प्लांट लोड फैक्टर 74 प्रतिशत तक पहुंचाने, रात्रि के समय की डिमांड पूरा करने के लिए एनर्जी एक्सचेंज से बिजली खरीदने तथा केन्द्रीय बिजलीघरों से 150 मेगावाट बिजली आवंटन जैसे प्रयासों के बावजूद इस बढ़ी डिमांड को पूरा करने के लिए रात्रि के समय 2 से तीन घंटे की लोड शैडिंग करनी पड़ रही है। जिसके लिए पूर्ववर्ती सरकार के समय की बैंकिंग व्यवस्था भी जिम्मेदार है जिसके तहत प्रतिदिन लोड शैडिंग के दौरान काटी गई बिजली से कई गुना अधिक बिजली लौटानी पड़ रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 24 मई, 2024 को 86 लाख यूनिट बिजली काटी गई जबकि बैंकिंग के अन्तर्गत 147 लाख यूनिट बिजली लौटानी पड़ी। गर्मी के इस सीजन में एक दिन ऐसा नहीं रहा जिसमें बिजली कटौती अधिक की गई हो और लौटाई कम गई हो।
श्री नागर ने सदन को अवगत कराया कि पूर्ववर्ती सरकार के समय प्रदेश के थर्मल पावर प्लांटों का लोड फैक्टर वर्ष 2019 में अप्रेल माह में मात्र 49.82 प्रतिशत, मई माह में 58.89 प्रतिशत तथा जून माह में 67.62 प्रतिशत ही था। जो वर्तमान सरकार के समय 2024 में अप्रेल माह में 72.76 प्रतिशत, मई में 71.98 प्रतिशत तथा जून माह में 73.64 प्रतिशत तक बढ़ा है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि बामनवास विधानसभा क्षेत्र में सहायक अभियंता द्वारा फोन नहीं उठाने की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने की स्थिति में कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले विधायक श्रीमती इन्द्रा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में ऊर्जा राज्यमंत्री ने सदन को अवगत कराया कि वर्तमान में राजस्थान ऊर्जा विकास निगम एण्ड आईटी के 14 दिसम्बर, 2023 के आदेश के अनुसार किसानों को कृषि कार्य हेतु दिन के ब्लॉक में 6 घण्टे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। कुछ क्षेत्रों में तकनीकी साध्यता नहीं होने के कारण डिस्कॉम स्वयं के स्तर पर 2 ब्लॉक के अतिरिक्त ब्लॉक व्यवस्था के माध्यम से 6 घंटे विद्युत आपूर्ति कर रहा है। किसानों को कृषि कार्य हेतु 24 घंटे थ्री फेज विद्युत आपूर्ति दिया जाना वर्तमान में तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू विद्युत आपूर्ति 20-22 घंटे देना सुनिश्चित किया जा रहा है।
उन्होंने अवगत कराया कि इस वर्ष हीटवेव के कारण मई माह में औसत विद्युत खपत 3318 लाख यूनिट प्रतिदिन रही जो कि गत वर्ष के इसी माह की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार जून माह में 3438 लाख यूनिट तथा जुलाई माह में 17 जुलाई तक 3024 लाख यूनिट औसत विद्युत खपत प्रतिदिन रही है जो कि गत वर्ष की इसी अवधि के सापेक्ष क्रमशः 28 प्रतिशत तथा 14 प्रतिशत अधिक रही है। माह जून, 2024 में राजस्थान की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की अधिकतम मांग खपत 3785 लाख यूनिट रही जो अब तक की सर्वाधिक है। उन्होंने प्रदेश में बिजली संकट के समाधान के लिए उठाए जा रहे कदमों का विवरण सदन के पटल पर रखा।
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