Jaipur: मंत्री डॉ. मंजू ने आंगनबाड़ी कार्यकताओं के मानदेय में केन्द्रांश में बढ़ोतरी
Jaipurजयपुर । राजस्थान की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मंजू बाघमर ने उदयपुर में आयोजित चिंतन शिविर में सत्र को सम्बोधित करते हुए सुझाव दिया कि 6 वर्षों से आंगनबाड़ी कार्यकताओं का केंद्र सरकार की ओर से मानदेय में बढ़ोतरी की जानी अपेक्षित है। उन्होंने भारत सरकार के महिला बाल विकास मंत्रालय से आग्रह किया कि केंद्र अपने मानदेय के अंश में बढ़ोतरी करें।
राज्य मंत्री ने अन्य सुझाव देते हुए कहा कि राजस्थान एक सीमान्त राज्य है। लगभग पांच जिले अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित है जिसमें जैसलमेर, बाडमेर, बीकानेर बिखरी आबादी वाले क्षेत्र है जिसकी वजह से यहां के बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों तक पहुंचने में काफी परेशानियो का सामना करना पड़ता है। उन्होंने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा कि ऐसे क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त प्रावधान किया जाना चाहिये, जिससे इन क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केन्द्रों तक बच्चों की पहुंच को आसान बनाया जा सके।
डॉ. मंजू बाघमार ने कहा कि आजकल ADHD के केसों में इजाफा हो रहा है ऐसे में विशेष जरूरतों ( Special Needs) वाले बच्चों की पहचान करने का सिस्टम भी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विकसित किया जाना चाहिये साथ ही विशेष जरूरतों (Special Needs) वाले बच्चों की सुविधाओं और पाठ्यक्रम तैयार करने का कार्य भी आंगनबाडी केन्द्रों पर किया जाना चाहिये।
राज्य मंत्री ने कहा कि किराए की आंगनबाडियों की समस्या शहरी क्षेत्रों में ज्यादा है क्योंकि निर्धारित किराये पर भवन मिलना मुश्किल होता है। अगर भवन मिलते भी है तो वे भवन छोटे होते है जिसमें संचालन में परेशानी आती है। इनके लिए केन्द्र सरकार को मिशन मोड में राज्यों को ज्यादा Fund देते हुए एक समयबद्ध कार्यक्रम के तहत सरकारी भवनों में शिफ्ट करने का काम हाथ में लेना चाहिये। आंगनबाड़ी भवनों के मरम्मत के लिए वर्तमान में राशि को बढ़ाया जाए।
राज्यमंत्री ने इस अवसर पर राजस्थान की ओर से महिला एवं बाल विकास के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में महिलाओं और बालकों एवं किशोरी बालिकाओं के जीवन को स्वस्थ, सुपोषित बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से बेहतर कार्य किए जा रहें हैं।