Jaipur : मृत्यु के कारणों के मेडिकल सर्टिफिकेशन प्रेक्टिसेज के सुदृढ़ीकरण विषय पर बैठक

Update: 2024-07-24 13:43 GMT
Jaipur जयपुर । ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) नई दिल्ली, इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-नेशनल सेन्टर फॉर डिजीज इन्फोर्मेटिक्स एण्ड रिसर्च (एनसीडीआईआर) बैंगलूरू तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को स्वास्थ्य भवन में राजकीय एवं निजी चिकित्सा संस्थानों में मृत्यु के कारणों का चिकित्सकीय प्रमाण-पत्र- एमसीसीडी का प्रपत्र-4 ( मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज ऑफ डेथ) प्रेक्टिसेज के सुदृढ़ीकरण विषय पर
बैठक आयोजित की गई है।
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि दिल्ली एम्स के सेन्टर ऑफ कम्यूनिटी मेडिसिन के दल ने जोधपुर एवं भरतपुर संभाग में एमसीसीडी विषय पर अध्ययन किया था। इसी अध्ययन के क्रम में बुधवार को एमसीसीडी पर जानकारी, सर्टिफिकेशन की उपयोगिता एवं रिपोर्टिंग में सुधार के साथ-साथ चिकित्सकों की क्षमतावर्धन से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से चर्चा की गई।
सेन्टर ऑफ कम्यूनिटी मेडिसिन, एम्स के प्रोफेसर डॉ. आनंद कृष्णन ने जोधपुर एवं भरतपुर संभाग राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में किए गए अध्ययन एवं चिकित्सकों से साक्षात्कार के आधार पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मृत्यु के कारणों का चिकित्सकीय प्रमाण-पत्र का प्रपत्र-4 ( मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज ऑफ डेथ) शत-प्रतिशत करने के लिए जिला स्तर पर रिव्यू सिस्टम को डवलप किए जाने की आवश्यकता है। कॉज ऑफ डेथ के डेटा में एक्यूरेसी के लिए हैल्थ कार्मिकों के साथ-साथ सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) ऑनलाइन पोर्टल से जुड़े हुए कार्मिकों के क्षमतावर्धन हेतु प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने डेटा रिपोर्टिंग के मानक निर्धारित करने एवं संधारण व्यवस्था में भी आवश्यक सुधार किए जाने पर बल दिया।
सेन्टर ऑफ कम्यूनिटी मेडिसिन, एम्स के एसोसियेट प्रोफेसर डॉ. मोहन बैरवा ने प्रजेंटेशन के माध्यम से एमसीसीडी सिस्टम की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में आने वाली चुनौतियों एवं समाधान हेतु सुझावों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सर्टिफिकेशन को ऑनलाइन किए जाने, आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ ही राज्य एवं जिला स्तर पर एमसीसीडी रिव्यू कमेटी के गठन करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रमाणीकरण के कार्य में मॉनिटरिंग एवं फीडबैक सिस्टम भी डवलप किया जाए। श्री बैरवा ने चिकित्सा संस्थानों के अलावा अर्थात घर पर हुई मृत्यु के कारणों का प्रमाण-पत्र प्रपत्र-4 अ तैयार करने पर बल दिया।
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