Jaipur जयपुर । लोकायुक्त, राजस्थान न्यायमूर्ति श्री प्रताप कृष्ण लोहरा ने दिनांक 1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक की अवधि का 36 वां वार्षिक प्रतिवेदन, राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे को प्रस्तुत किया। जस्टिस श्री लोहरा के कार्यकाल का यह चौथा वार्षिक प्रतिवेदन है।
लोकायुक्त सचिवालय में 1 जनवरी 2024 को 4041 परिवाद लम्बित थे तथा वर्ष 2024 में कुल 2068 नवीन शिकायते प्राप्त हुई। इस प्रकार कुल 6109 परिवादों में से 2311 परिवादों का सूक्ष्मता से अवलोकन कर गुणावगुण के आधार पर निस्तारण किया गया।
प्रतिवेदनाधीन अवधि में लोकायुक्त सचिवालय द्वारा जांच/अन्वेषण उपरान्त कई प्रकरणों में यह पाया गया कि कई लोकसेवकगण ने अपने कर्तव्यों और दायित्वों के निर्वहन में भ्रष्ट आचरण, अधिकारों का दुरूपयोग और अकर्मण्यता कारित की थी। अतः लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1973 की धारा 12 के तहत, ऐसे 26 दोषी कार्मिकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु उनके संबंधित सक्षम प्राधिकारियों को सिफारिश की गई।
इसके अलावा 184 लोकसेवकों द्वारा भ्रष्टाचार, गंभीर लापरवाही, दायित्वहीनता व पद के दुरूपयोग का मामला प्रकाश में आने पर उनके विरूद्ध लोकायुक्त सचिवालय के हस्तक्षेप उपरान्त संबंधित विभागों द्वारा सीसीए नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई गई। उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार में आकंठ लिप्त लोकसेवकों से लगभग 5.45 करोड़ रूपये की वसूली कर राजकोष में जमा करवाई है।
प्रतिवेदन अवधि में लोकायुक्त के समक्ष एक ऐसा महत्वपूर्ण प्रकरण भी आया जिसमें मुख्यतः वन भूमि पर किये गये अतिक्रमण की शिकायत थी, किन्तु लोकायुक्त जांच में यह सामने आया कि लोकसेवकों द्वारा मिलीभगतपूर्वक भ्रष्टाचार कारित कर राजकोष को लगभग 17.85 करोड़ की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। इस कृत्य में लिप्त लोकसेवकों के विरूद्ध न केवल अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारम्भ की जा चुकी है अपितु इस राशि की वसूली की कार्यवाही भी प्रक्रियाधीन है।