Jaipur जयपुर । राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने निर्देश दिए है कि अधिकारी आदिवासी कल्याण को केंद्र में रखकर कर कार्य करें। उन्होंने जनजाति बहुल क्षेत्रों में क्रियान्वित केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करने का आह्वान किया है।
राज्यपाल श्री बागडे शनिवार को उदयपुर में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब तक जनजाति समुदाय और गरीब वर्ग की आय नहीं बढे़गी, समेकित विकास नहीं हो सकता। इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि हर गरीब का बच्चा शिक्षा प्राप्त करें। उन्होंने अनुसूचित जाति व जनजाति सहित घुमन्तू परिवारों के बच्चों को स्कूल से जोड़ने पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने पंचायत स्तरीय कार्मिकों को जिम्मेदारी देते हुए शत-प्रतिशत बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
फसल खरीदी की हो पुख्ता व्यवस्था:
राज्यपाल ने क्षेत्र में अच्छी बारिश होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मानसून की मेहरबानी से इस बार फसल भी अच्छी होने की संभावना है। ऐसे में किसान को उसकी मेहनत का सही मूल्य मिल सके इसके लिए सरकारी स्तर पर फसल खरीद की भी पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने प्रत्येक विकास योजना के लक्ष्य और लाभान्वितों में जनजाति वर्ग के लक्षित और लाभार्थियों का पृथक से आंकलन करने, हर वंचित और पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ आवश्यक रूप से पहुंचे, इसकी पुख्ता व्यवस्था करने पर जोर दिया।
वनाधिकार अधिनियम की भावना के अनुरूप मिले लाभः
राज्यपाल ने वनाधिकार अधिनियम के तहत प्रदत्त पट्टों की समीक्षा करते हुए कहा कि वन भूमि में पट्टे तो जारी कर दिए जाते हैं, लेकिन लोगों को बिजली कनेक्शन लेने, कुआं खुदवाने जैसे कामों में व्यावहारिक तौर पर दिक्कतें आती हैं। राज्यपाल के सचिव डॉ. पृथ्वीराज ने वन विभाग तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों को वनाधिकार अधिनियम की मूल भावना के अनुरूप काम करते हुए जनजाति बंधुओं को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
पंचायत मुख्यालय पर इंटरनेट सेवाओं की हो सुनिश्चितता:
राज्यपाल ने जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर इंटरनेट सेवाओं की उपलब्धता की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सिर्फ ग्राम पंचायत मुख्यालय पर इंटरनेट सेवा उपलब्ध करा देना पर्याप्त नहीं है। अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि पंचायत मुख्यालय पर लोगों को इसका लाभ मिल रहा हैं अथवा नहीं। ई-मित्र सेवाएं तो वैकल्पिक हैं, लोगों को पंचायत भवन में ही सभी सेवाएं उपलब्ध होनी चाहिए।
सिकल सेल एनीमिया की रिपोर्ट मांगी:
बैठक दौरान राज्यपाल ने जिले में सिकल सेल एनीमिया के प्रकरणों और इसमें की गई कार्यवाही तथा अब तक की प्रगति की जानकारी ली तथा निर्देश दिए कि इसकी पोजीटिविटी रिपोर्ट एक सप्ताह में राजभवन भिजवाई जाए।
राशन सामग्री के लिए नहीं जाना पड़े दूर:
राज्यपाल ने जिले में कुल राशन कार्डधारी परिवारों, खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित परिवारों, जिले में संचालित उचित मूल्य दुकानों आदि की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आज भी कई परिवारों को राशन सामग्री लेने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। यह प्रयास किए जाएं कि आमजन को अधिकतम 1 किलोमीटर के दायरे में राशन सामग्री उपलब्ध हो सके।
जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने उदयपुर जिले में क्रियान्वित योजनाओं की संक्षिप्त जान कारी दी। राज्यपाल ने इससे पहले महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना, मुख्यमंत्री जल स्वावंलबन योजना, पीएम आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आदर्श आदि ग्राम योजना, स्वामित्व योजना, सिकल सेल एनीमिया, स्वास्थ्य सूचकांक, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, संपूर्णता अभियान के तहत आशान्वित ब्लॉक, मृदा स्वास्थ्य कार्ड तथा फसल बीमा योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं, छात्रवृत्ति योजनाओं, अमृत-2.0, पीएमश्री विद्यालय, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, मिड-डे-मील सहित विभिन्न योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की।
उन्होंने इससे पहले वन्य जीवों की मृत्यु की घटना के संबंध में प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों से तथ्यात्मक रिपोर्ट ली। उन्होंने इस तरह की घटनाओं को दुःखद बताते हुए इसकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए कारगर उपाय करने की हिदायत दी। उन्होंने संबंधित वन्यजीव को नियमानुसार स्थानांतरित कराने के लिए अपेक्षित कार्यवाही के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों के खेत वन क्षेत्र के आसपास हैं तो उन्हें कम्पाउण्ड कराने की संभावनाएं तलाशी जाएं। इसके लिए मुख्यालय स्तर से भी मार्गदर्शन लिया जाए।