Jaipur: पूर्व खिलाड़ियों को मिलेगी 20 हजार तक की पेंशन

कस्बों और ढाणियों में भी खिलाड़ियों की तलाश के लिए प्रोग्राम चलाए जाएंगे

Update: 2024-07-27 08:06 GMT

जयपुर: राजस्थान में 11 साल के लंबे इंतजार के बाद नई खेल नीति लाने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर खेल विभाग के अधिकारियों ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसके तहत अब शहरों और गांव के साथ कस्बों और ढाणियों में भी खिलाड़ियों की तलाश के लिए प्रोग्राम चलाए जाएंगे। वहीं, पूर्व खिलाड़ियों को 20 हजार रुपए तक पेंशन और खिलाड़ियों को 10 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस कवरेज दिया जाएगा।

नई खेल नीति के तहत प्रदेश में पहली बार खेल पेंशन कार्यक्रम की योजना बनाई जा रही है। इसके तहत एथलीटों, पैरा-एथलीटों और कोचों को हर महीने 20 हजार रुपये पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान किया गया है. यह पेंशन ओलंपिक गेम्स, पैरा ओलंपिक गेम्स, एशियन गेम्स, पैरा एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, पैरा कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाले एथलीटों को दी जाएगी। इसके साथ ही इसमें अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोचों को भी शामिल किया गया है. नई पॉलिसी के तहत खिलाड़ियों को मेडिकल बीमा भी मुहैया कराया जाएगा. इसके तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को 10 लाख और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को 5 लाख का बीमा कवरेज दिया जाएगा.

प्रतिभा पहचान कार्यक्रम शुरू किया जाएगा: नई खेल नीति के ड्राफ्ट में राजस्थान को भी फिट करने की प्लानिंग की गई है. इसके तहत सामुदायिक स्तर पर सहभागिता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। यह ग्रामीण सामुदायिक सहभागिता, शहरी सामुदायिक सहभागिता, स्कूल और कॉलेज स्तर पर सहभागिता कार्यक्रम चलाएगा ताकि हर स्तर पर लोगों को फिट रखा जा सके। अधिक से अधिक लोगों को खेल से जोड़ा जा सके। इसके साथ ही विभिन्न खेलों का भी आयोजन किया जाएगा। इसमें राष्ट्रीय स्तर और मल्टी स्पोर्ट्स गेम्स शामिल होंगे। वहीं, खेल प्रतिभाओं को खोजने के लिए शहरों और गांवों के साथ-साथ छोटे शहरों में भी प्रतिभा पहचान कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

ट्रेनिंग स्कूल से ही शुरू होगी: नई खेल नीति के ड्राफ्ट में एथलीट डेवलपमेंट प्रोग्राम को लेकर खास प्लानिंग की गई है. इसके तहत खेलों के विकास के लिए एक इको सिस्टम तैयार किया जा सकता है। इसके लिए स्कूल स्तर पर एक खेल अकादमी तैयार की जाएगी, जहां बुनियादी खेल संरचना और खेल उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही जिला स्तर पर नियमित प्रशिक्षण केंद्र कार्यक्रम भी चलाये जायेंगे, ताकि खिलाड़ियों को शुरू से ही बेहतर प्रशिक्षण दिया जा सके.

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