Jaipur: वन एवं पर्यावरण मंत्री ने भीलवाड़ा में किया पांच दिवसीय हरित संगम मेले का उदघाटन
Jaipur जयपुर । भीलवाड़ा के अपना संस्थान एवं नगर निगम के संयुक्त तत्वावधान में 10 जनवरी से 14 जनवरी तक चित्रकूट धाम अवधपुरी में आयोजित पांच दिवसीय हरित संगम 2025 स्वच्छता पर्यावरण मेले का उदघाटन शुक्रवार को वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री संजय शर्मा ने किया। उन्होंने खेल की रेल को झंडी दिखाकर रवाना किया। रेल का नेतृत्व अर्जुन अवॉर्डी एवं पद्मश्री देवेंद्र झाँझडिया ने किया। इस अवसर पर जिला कलक्टर नमित मेहता, नगर निगम महापौर राकेश पाठक, सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी, समाजसेवी, उद्योगपति, नागरिकगण उपस्थित रहे।
वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री संजय शर्मा ने हरित संगम मेले के उद्घाटन के बाद मेले में लगी विभिन्न स्टॉल्स का अवलोकन किया। उन्होंने मुंबई से विशेष रूप से आई प्लास्टिक कचरा रीसाइकिल मशीन को देख उससे हाथों हाथ निर्मित होने वाले उत्पादों की सराहना की। इसके बाद वे मेले में लगी स्टॉल्स का अवलोकन करते हुए वे दस हजार पुष्पों से अधिक से सजे फ्लावर शो में पहुंचे और विभिन्न प्रकार के फूलों और प्लांट का कलेक्शन देख आयोजकों को बधाई दी।
वन मंत्री इसके बाद शहर में निकाली गई खेल की रेल में स्वयं ओपन जीप में सवार होकर शामिल हुए। हरित संगम मेले से पूर्व आयोजित खेल कूद प्रतियोगिताओं के विजेताओं, उप विजेताओं, टीम सदस्यों सहित 22 से अधिक खेलों से जुड़े भीलवाड़ा के हजारों खिलाडियों ने खेल की रेल बनाकर अपने खेल का प्रदर्शन किया और शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरे।
4 घोष दल, 11 बैलगाड़ियां, 3 अश्व, 1 कच्छी घोड़ी बनी आकर्षण का केंद्र—
खेल की रेल के प्रारंभ से लेकर अंत तक 4 घोष दल कदमताल करते हुए बैंड वादन से सभी का मन मोह रहे थे। इसके अलावा रेल के प्रारंभ में 11 बैलगाड़ियों सहित 3 अश्व, एक कच्छी घोड़ी भी आकर्षण का केंद्र रही। शहर में पहली बार निकली इस अनूठी खेल की रेल को देखने की शहरवासियों में उत्सुकता रही।
स्कूली विद्यार्थियों ने निकाली स्वच्छता एवं पर्यावरण साइकिल रैली—
पर्यावरण एवं स्वच्छता जागरूकता का संदेश देने हेतु राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, सुभाष नगर एवं राजकीय महात्मा गांधी स्कूल, पुलिस लाइन के छात्र छात्राओं ने शहर के मुख्य मार्गो से होकर एक विशाल पर्यावरण एवं स्वच्छता साईकल रैली निकाली। जो शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई चित्रकूट धाम अवधपुरी पहुंच कर संपन्न हुई।