Jaipur: सिद्धमुख नहर सिंचाई परियोजना में राज्य के हिस्से का पूरा जल लेने के लिए हर संभव प्रयास

Update: 2024-07-31 12:29 GMT
Jaipur जयपुर । जल संसाधन मंत्री  सुरेश रावत ने बुधवार को विधानसभा में सदन को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार द्वारा सिद्धमुख नहर सिंचाई परियोजना के तहत हरियाणा से राज्य के हिस्से का पूरा पानी लेने के लिए सर्वोच्चे न्यायालय में पुरजोर तरीके से पैरवी की जाएगी।
 रावत ने कहा कि परियोजना के तहत राज्य के हिस्से का पूरा जल लेने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर वे स्वयं के स्तर पर भी हरियाणा सरकार से इस संबंध में वार्ता करेंगे, जिससे इस दिशा में सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सके।
 रावत प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने सदन को अवगत कराया कि सिद्धमुख नहर सिंचाई परियोजना के तहत राज्य को हरियाणा द्वारा पूरा पानी प्राप्त नहीं होने का मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि राजस्थान द्वारा भाखड़ा मेन लाइन के माध्यम से 0.17 एमएएफ पानी उपलब्ध करवाये जाने के लिए सर्वोच्च् न्यायालय में मूलवाद (संख्या 1/2011) दायर किया गया है।
इससे पहले विधायक श्री संजीव कुमार के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जल संसाधन मंत्री ने सदन को अवगत कराया कि सिद्धमुख नहर सिंचाई परियोजना को विभिन्न कारणों से पूरा पानी नही मिल रहा है। उन्होंने बताया कि 31 दिसम्बर 1981 को पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान के मध्य हुए समझौते की पालना में सचिव, सिंचाई मंत्रालय, केंद्र सरकार के 15 जनवरी 1982 के आदेश के तहत सिद्धमुख नहर सिचांई परियोजना के लिए भाखड़ा मेन लाइन के माध्यम से 0.47 एमएएफ पानी आवंटित है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस परियोजना को 0.30 एमएएफ पानी उपलब्ध हो रहा है। शेष 0.17 एमएएफ पानी हरियाणा के विरोध के कारण भाखड़ा मेन लाइन के माध्यम से डायवर्ट नही हो सका। चूंकि सिद्धमुख नोहर परियोजना को आवंटित पानी के अनुसार पूरा पानी नहीं मिल रहा है, इस कारण सिद्धमुख नहर परियोजना को भी समानुपातिक रूप से कम पानी मिल रहा है।
रावत ने जानकारी दी कि हरियाणा को पंजाब से भाखड़ा मेन लाइन की आरडी 390 पर निर्धारित मांग से कम पानी प्राप्त होने की स्थिति में हरियाणा द्वारा पानी की कमी राजस्थान के शेयर में से कम कर दी जाती है। जिससे राजस्थान को निर्धारित शेयर से कम पानी प्राप्त होता है।
उन्होंने बताया कि सिद्धमुख सिंचाई परियोजना हेतु हरियाणा के माध्यम से सम्पर्क बिन्दु संख्या 5 पर अधिकतम क्षमता 564 क्यूसेक की निर्धारित है। वर्तमान में एक बार के रेगूलेशन में सिद्धमुख सिंचाई परियोजना हेतु 450 क्यूसेक पानी निर्धारित है। इस मांग के विरूद्ध वर्तमान में फिलिंग अवधि 2024 (21 मई से 20 जुलाई तक) के दौरान सिद्धमुख सिंचाई परियोजना में दिये गये पानी का विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने जानकारी दी कि सिद्धमुख-नोहर परियोजना को वर्ष 2002 में पानी दिया जाना प्रारम्भ किया गया था। वर्ष 2002 से लेकर अब तक सिद्धमुख परियोजना को दिये गये पानी का विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि सरकार क्षेत्र के किसानों की सिंचाई के पानी की मांग को देखते हुए सिद्धमुख सिंचाई परियोजना में हरियाणा से पूरा पानी लेने का विचार रखती है । राजस्थान द्वारा भाखड़ा मेन लाइन के माध्यम से 0.17 एमएएफ पानी उपलब्ध करवाये जाने हेतु सर्वोच्चर न्यायालय में मूलवाद (संख्या 1/2011) दायर किया गया है, जो विचाराधीन है ।
श्री रावत ने बताया कि तकनीकी समिति में निर्धारित शेयर से राजस्थान की सीमा पर प्राप्त पानी में कमी होने पर हरियाणा के अधिकारियों से तत्काल वार्ता कर स्थिति पर नियन्त्रण करने का प्रयास किया जाता है। इसके अतिरिक्त समय-समय पर हरियाणा के अधिकारियों से पत्राचार द्वारा शेयर के अनुसार पानी सुनिश्चत किये जाने हेतु आग्रह किया जाता है। इस संबंध में किये गये पत्राचार का विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा। भाखडा व्याास मैनेजमेंट बोर्ड की तकनीकी समिति की बैठकों में इस मुद्दे को उठाकर पूरा पानी लेने का प्रयास किया जाता है ।
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