Jaipur: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर शिक्षक संघ एवं कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों से संवाद

Update: 2024-10-28 14:37 GMT
Jaipur जयपुर । राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के शिक्षा संकुल परिसर में सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत शिक्षक संघ एवं कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों के साथ शिक्षा की दिशा और दशा पर व्यापक चर्चा हुई। इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री कृष्ण कुणाल, शासन सचिव स्कूल शिक्षा ने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए मातृभाषा में प्री प्राइमरी शिक्षा को आवश्यक बताया। उन्होंने बताया कि शिक्षा में बच्चों का हित सर्वोपरि है।
प्री प्राइमरी शिक्षा का महत्व और सुधार की पहल -
श्री कुणाल ने कहा कि तीन से आठ साल के बच्चों के बौद्धिक, स्वास्थ्य और कौशल विकास के लिए उनकी मातृभाषा में प्री प्राइमरी शिक्षा अनिवार्य होनी चाहिए। इसके लिए एक आसान शब्दकोश तैयार किया जा रहा है जिससे बच्चों को स्थानीय भाषा में पढ़ने में सहायता मिलेगी। उन्होंने ड्रॉप आउट दर को कम करने के लिए प्री प्राइमरी शिक्षा को मजबूत बनाने और सरकारी विद्यालयों को सुढृढ करने पर जोर दिया।
शाला दर्पण का होगा सरलीकरण -
शासन सचिव ने शाला दर्पण पोर्टल को सरल बनाने की बात कही जिससे राजकीय विद्यालयों में उपस्थिति मॉनिटरिंग और मूल्यांकन में सुधार होगा।
बैठक में सहमति और सुझाव -
बैठक में शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रेनिंग, नियमित दक्षता परीक्षा, पारदर्शी स्थानान्तरण नीति और विद्यालयों की सक्सेस रेटिंग पर विस्तृत चर्चा हुई। शिक्षा सचिव ने भविष्य में इन सुधारों को लागू करने का आश्वासन दिया और अन्य आवश्यक सुझावों का भी स्वागत किया।
उपस्थित प्रतिनिधि -
बैठक में माध्यमिक शिक्षा के निदेशक श्री आशीष मोदी, प्रारंभिक शिक्षा के निदेशक श्री सीताराम जाट के साथ शिक्षक एवं कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि और मंत्रालय के कर्मचारी/अधिकारी उपस्थित रहे।
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