Jaipur: ACB ने बैंक मैनेजर से 8 लाख से ज्यादा की नकदी जब्त की
सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के मुख्य प्रबंधक से 8.50 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी जब्त की
जयपुर: राजस्थान एसीबी ने एक बैंक मैनेजर से 8.50 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी जब्त की। राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक टीम ने सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के मुख्य प्रबंधक से 8.50 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी जब्त की है। उन्होंने बताया कि मुख्य प्रबंधक संजय शर्मा से पूछताछ की जा रही है।
खुफिया जानकारी मिली थी कि शर्मा खाद्य भंडारण योजना के तहत गोदामों की मंजूरी के लिए रिश्वत लेने के बदले नोहर-रावतसर क्षेत्र से हनुमानगढ़ जा रहा था। एसीबी के महानिदेशक (डीजी) रवि प्रकाश मेहरदा ने बताया कि शुक्रवार रात को चेकिंग के दौरान एसीबी की टीम ने कोहाला टोल प्लाजा पर उसे रोका और उसके पास से 8.50 लाख रुपये की नकदी बरामद की।
ब्यूरो ने पैसा जब्त कर लिया: वह धन के स्रोत के बारे में संतोषजनक ढंग से जानकारी नहीं दे सके। अधिकारी ने बताया कि ब्यूरो ने धनराशि जब्त कर ली है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
ईडी ने कहां छापेमारी की: पिछले एक साल में ईडी ने कई जगहों पर छापे मारे हैं और करोड़ों की संपत्ति जब्त की है। इनमें पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला, झारखंड अवैध खनन घोटाला और उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले कई स्थानों पर छापेमारी के जरिए बरामद धन शामिल है। धन या आभूषण की जब्ती प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग या चुनाव आयोग के अधिकारियों द्वारा की जाती है। आय से अधिक संपत्ति, धन शोधन, संपत्ति पर अवैध कब्जे जैसे मामलों में मुकदमा चलाते समय छापे मारे जाते हैं।
जिस व्यक्ति से पैसा जब्त किया गया है उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है और अगर वह दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। वहीं, अगर जिस व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, वह साबित कर देता है कि जब्त किया गया धन अवैध नहीं है और उस पर टैक्स जमा है, तो ऐसे मामलों में जब्त किया गया धन वापस कर दिया जाता है।