Jaipur : कोटा में आवासों के आवंटन में अनियमिततओं की जांच हेतु कमेटी होगी गठित

Update: 2024-07-24 13:54 GMT
Jaipur जयपुर । नगरीय विकास राज्य मंत्री श्री झाबर सिंह खर्रा ने बुधवार को राज्य विधान सभा में कहा कि कोटा जिले में अफोर्डेबल आवासीय योजना में अनियमितता की जांच के प्रकरण में नियम विरुद्ध आवंटन एवं वित्तीय अनियमिततओं की प्रभावी जांच हेतु प्राधिकरण स्तर पर एक कमेटी गठित की गई है। कमेटी के निर्णय के उपरांत शीघ्र ही संवेदक पर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
श्री खर्रा शून्यकाल के दौरान कोटा दक्षिण विधायक श्री संदीप शर्मा के ध्यान आकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि संवेदक से परफॉरमेंस गारन्टी के तौर पर जमा राशि 57.94 लाख रूपये की बैंक गारंटी भी नवीनीकृत करवाकर प्राप्त कर ली गई है एवं संवेदक द्वारा कार्य में विलम्ब करने के फलस्वरूप 10 प्रतिशत की शास्ति लगाई जानी प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि नगर विकास न्यास कोटा द्वारा रानपुर, भदाना एवं मोहनलाल सुखाड़िया अफोर्डेबल आवासीय योजना में 1580 आवासों के निर्माण हेतु विकासकर्ता मैसर्स नवभारत निर्माण कम्पनी, कोटा के साथ अनुबंध किया गया। इस अनुबंध की कई शर्तों का उल्लंघन हुआ है।
उन्होंने बताया कि अनुबंध के अनुसार विकासकर्ता को रानपुर, भदाना एवं मोहनलाल सुखाडिया योजना में 1580 आवासों के निःशुल्क निर्माण तथा प्रीमियम राशि 21.21 करोड़ रूपए जमा करवाने पर भूखण्डों का आवंटन किया जाना था। किंतु समय पर जमा नहीं होने पर नगर विकास न्यास द्वारा ब्याज सहित कुल 24 करोड़ से अधिक प्रीमियम की राशि वसूल की गई। डीपीआर के अनुसार परियोजना की कुल लागत 57 करोड़ से अधिक थी। भदाना एवं मोहनलाल सुखाड़िया आवासीय योजना की डीपीआर दिनांक 16 जनवरी 2015 को स्वीकृत हो चुकी थी किंतु संवेदक द्वारा आज तक इसका कार्य पूर्ण नहीं किया गया है।
श्री खर्रा ने बताया कि विकासकर्ता को अनुबंध की शर्तों के अनुसार 400 आवासों का निर्माण कर सुपुर्द करने के एवज में सिर्फ राजीव गांधी नगर विस्तार में भूखण्ड संख्या 12 एवं 13 का आवंटन किया गया था। विकासकर्ता द्वारा उक्त आवासों का निर्माण स्वयं के संसाधनों से किया गया है, न्यास द्वारा विकासकर्ता को किसी राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
उन्होंने बताया कि योजना के अधीन शेष दो भू-खंड आवंटित नहीं होंगे तथा उन्हें निरस्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोटा जिला कलेक्टर व कोटा विकास प्राधिकरण आयुक्त मामले कि जाँच आगामी 10 दिन में करेंगे। साथ ही, अनुबंध की जिन शर्तो का उल्लंघन हुआ है उनका पता लगाकर संबंधित कर्मचारी और अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर कोटा और आयुक्त से मामले कि रिपोर्ट प्राप्त होने पर सक्षम स्तर पर जाँच होगी व दोषियों पर पेनल्टी लगायी जाएगी।
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