जयपुर: स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने पहली बार संविदा प्रतिभूति रेगुलेशन अधिनियम-1956 के तहत कार्रवाई कर डिब्बा ट्रेडिंग पर शिकंजा कसते हुए दो शातिर लोगों को गिरफ्तार किया है। एसओजी ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद इन्हें शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।
एसओजी अब इन दोनों आरोपितों के अन्य संदिग्ध साथियों की तलाश में लगी है। इन दोनों शातिरों ने अपने पुराने परिचितों के जरिए वर्चुअल तरीके से 12 खरब 27 अरब (1227,8282, 45583) रुपए का ऑनलाइन खरीद-बेचान में निवेश करवा दिया था।
यह रकम एक जनवरी 2023 से 13 जनवरी 2023 तक की अवधि में लगी है। इस अधिनियम के तहत दर्ज मामले में 10 साल तक की सजा और 25 करोड़ रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है। निवेशक इसमें अपना काला धन खपाकर रुपए कमा रहे थे। गिरफ्तार आरोपी ओमप्रकाश आचलिया (37) आचलिया का बास देशनोक बीकानेर हाल मुरलीपुरा और अरिहंत (32) इंदिरा चौक नई लाइन बीकानेर के रहने वाले हैं।
एसओजी की टीम ने ओमप्रकाश के कब्जे से दो लैपटॉप, चार मोबाइल, तीन रजिस्टर और अरिहन्त के कब्जे से चार मोबाइल, डायरी और रजिस्टर बरामद किया है।
ऐसे हुआ था खुलासा: एटीएस के एएसपी हरिप्रसाद सोमानी ने बताया कि 14 जनवरी को एसओजी ने रिपोर्ट दर्ज की कि 13 जनवरी को अरिहंत जैन सीकर रोड स्थित एक होटल में रुका है। ये शेयर, एमसीएक्स, इक्विटी, डिब्बा ट्रेडिंग की अवैध गतिविधियों में लिप्त है। यह निवेशकों से निवेश करवाकर टैक्स की चोरी करता है। टीम ने दबिश देकर अरिहंत को पकड़ा। इसने कबूल किया कि उसका दोस्त ओमप्रकाश आचलिया भी उसके साथ काम करता है। हाल में वह कूकरखेड़ा अनाज मंडी पर है। टीम ने ओमप्रकाश को पकड़ लिया। इन्होंने कबूल किया कि हम आॅनलाइन शेयर मार्केट के भाव देखकर ग्राहक को शेयर व कॉमेडिटी में खरीदने या बेचने की राय देकर निवेश कराते थे। इसका लेखा-जोखा रजिस्टर और लैपटॉप में रखा जाता था।