यूआईटी को एक महीने में भूखंड का पट्टा जारी करने के निर्देश

Update: 2023-05-04 14:30 GMT

कोटा: स्थाई लोक अदालत ने एक भूखंड के मामले में सुनवाई करते हुए यूआईटी को एक महीने के अंदर पट्टा जारी करने के निर्देश जारी किए हैं। इस मामले में पीड़िता सुमित्रा देवी पत्नी मूलचंद शर्मा ने अपने अधिवक्ता अशोक चौधरी के जरिए अदालत में एक परिवाद पेश किया था, जिसमें बताया गया कि उसने यूआईटी से 19 जून 2006 को 1000 वर्ग फीट का भूखंड खरीदा था और जिसकी समस्त राशि यूआईटी को चुकता कर दी गई थी तथा उसका पोजीशन भी प्राप्त कर लिया गया था। इसके बाद से उसका भूखंड पर कब्जा चला आ रहा है।

याचिका में बताया गया कि भूखंड संख्या 158 के सामने परिवादी ने किसी प्रकार का नाली के ऊपर निर्माण कार्य नहीं कराया है। भूखंड के सेफ्टी के लिए केवल चारों तरफ बाउंड्री वाल करवाई गई है तथा जानवरों प्लॉट की सेफ्टी हो सके। याचिका में पीड़िता ने बताया कि यूआईटी के द्वारा भूखंड की रजिस्ट्री के लिए नोटिस दिए जाने के बावजूद आगामी कार्रवाई नहीं की गई, जबकि कोई बकाया राशि शेष नहीं है। इस मामले में स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष गिरीश कुमार शर्मा सदस्य प्रतिभा दीक्षित और कुसुम विजय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निर्णय दिया। यूआईटी ने परिवादी को प्लॉट बेचान कर दिया गया है, जिसकी समग्र राशि परिवादी द्वारा यूआईटी में जमा करवा दी गई है, जिसके संबंध में कोई भी विवाद शेष नहीं है। इसलिए यूआईटी को निर्देश दिया जाता है कि परिवादी के भूखंड संख्या 158 1000 वर्ग फीट का 1 महीने के अंदर पट्टा जारी किया जाए।

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