जल जीवन मिशन के कार्यादेश और 'हर घर नल कनेक्शन' के कार्यों की संख्या बढ़ाने के निर्देश, अतिरिक्त मुख्य सचिव ने की समीक्षा

जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत ‘हर घर नल कनेक्शन‘ के लक्ष्यों को समय पर पूरा करने के लिए 'पब्लिक हेल्थ इंजीनियर्स' को और मेहनत करने के निर्देश दिए गए हैं.

Update: 2021-11-08 14:06 GMT

जनता से रिश्ता। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत 'हर घर नल कनेक्शन' के लक्ष्यों को समय पर पूरा करने के लिए 'पब्लिक हेल्थ इंजीनियर्स' को और मेहनत करने के निर्देश दिए गए हैं.

अभी तक प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां, तकनीकी स्वीकृतियां, निविदाएं और कार्यादेश जारी करने में जो प्रगति दर्ज हुई है उसके अनुरूप फील्ड में 'हर घर नल कनेक्शन' की गति बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट एवं रेग्यूलर विंग में सभी स्तरों पर प्रयासों में सघनता लाई जाए. धीमी गति से काम करने 7 जिलों के अधीक्षण अभियंताओं को भी नोटिस दिए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि जेजेएम के कार्यों को पूरा करने के लिए मार्च 2024 तक की डेडलाइन है, जिसमें अब 2 वर्ष चार माह का समय बचा है. अब आने वाले दिनों में तकनीकी प्रक्रियाओं के बीच लगने वाले समय को कम करते हुए ज्यादा से ज्यादा कार्यादेश और इसके मुकाबले मौके पर चल रहे 'हर घर नल कनेक्शन' के कार्यों की संख्या बढ़ाने पर पूरा फोकस किया जाए.
एसीएस पंत ने कहा कि जेजेएम के सभी कार्यों में गुणवत्ता को हर हाल में सुनिश्चित किया जाए. प्रदेश के किसी भी जिले में सब स्टैंडर्ड वर्क या निर्धारित मापदंडों से कम गुणवत्ता के कार्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने सतही पेयजल स्रोत पर आधारित योजनाओं के तहत सोर्स सस्टेनिबिलिटी, वाटर रिचार्ज एवं जल संरक्षण के कार्यों को महात्मा गांधी नरेगा योजना के साथ डवटेल करने, सभी जिलों में जिला जल एवं स्वच्छता समिति की प्रति माह बैठक कराने, डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान, जेजेएम के कार्यों के थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन तथा प्रदेश में शेष बचे गांवों में 'हर घर नल कनेक्शन' के प्रस्ताव शीघ्रता से तैयार कर भेजने के बारे में भी आवश्यक निर्देश दिए.

एसीएस पंत ने वीसी में प्रोजेक्ट, रीजन एवं सर्किल वार जेजेएम की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की. निविदाएं जारी करने के बाद कार्यादेश जारी करने में देरी तथा कार्यादेश के बाद मौके पर कार्य शुरू करने में धीमी गति को गम्भीरता से लेते हुए टोंक, जैसलमेर, डूंगरपुर, उदयपुर, जोधपुर, भरतपुर और सवाई माधोपुर जिलों के अधीक्षण अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए. इन जिलों में स्वीकृत कार्यों के विरुद्ध निविदाएं जारी करने की प्रगति भी प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में कम पाई गई.
जेजेएम के मिशन निदेशक डॉ. पृथ्वीराज ने कहा कि अब जिलों और प्रोजेक्ट रीजन की प्रगति की नियमित तौर पर विशेष मॉनिटरिंग होगी. उन्होंने कहा कि रेग्यूलर एवं प्रोजेक्ट विंग में जहां भी तकनीकी प्रक्रियाओं में ज्यादा गैप है, उसे दूर कर 'एक्शन' में बदला जाए.

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अब तक 30 हजार 616 गांवों में 116 वृहद पेयजल परियोजनाओं और 7975 मल्टी एवं सिंगल विलेज परियोजनाओं सहित 8091 ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं में 75 लाख 75 हजार 703 'हर घर नल कनेक्शन' की स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है. इसके विरुद्ध अब तक 19 हजार 175 गांवों में 7188 ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं की 47 लाख 88 हजार 434 'हर घर नल कनेक्शन' के लिए तकनीकी स्वीकृतियां, 17 हजार 520 गांवों में 6630 स्कीम्स में 44 लाख 17 हजार 252 'हर घर नल कनेक्शन' के लिए की निविदाएं तथा 8177 गांवों में 3589 स्कीम्स में 20 लाख 22 हजार 704 'हर घर नल कनेक्शन' के लिए कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं.


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