जिला कलक्टर श्री अंशदीप ने जिले में मच्छरजनित रोगों मलेरिया, डेंगू की रोकथाम व नियंत्रण को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
जिला कलक्टर ने सीईओ जिला परिषद, समस्त एसडीएम, बीडीओ, सचिव नगर विकास न्यास, सीएमएचओ, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज, पीएमओ, आयुक्त नगर परिषद तथा समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों, तहसीलदारों व नगरपालिकाओं के अधिशाषी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार मच्छरजनित रोगों मलेरिया, डेंगू की रोकथाम व नियंत्रण को लेकर आवश्यक गतिविधियां करवाया जाना सुनिश्चित करें।
राज्य में राजस्थान एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1957 लागू है। इस अधिनियम की धारा-2 के तहत वर्ष 2018 में मलेरिया, डेंगू को नोटिफाइएबल डिजीज घोषित किया गया है। प्रत्येक राजकीय एवं निजी संस्थानों, चिकित्सालयों द्वारा चिन्हित किये गये मलेरिया, डेंगू के रोगियों की सूचना जिला एवं राज्य स्तर पर प्रेषित की जाये। राजस्थान एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1957 के तहत आमजन को अपने घरों, खाली प्लाटों में किसी भी प्रकार के मच्छरजनित स्त्रोतों को विकसित नहीं होने देना है। अगर कोई नागरिक सहयोग नहीं करता है, तो नियमानुसार जुर्माने की कार्यवाही की जाये। जिले में वर्षा के बाद निजी आवासों में मच्छरजनित रोगों हेतु स्त्रोत बन गये है, इन्हें खाली करवाया जाये।
प्रत्येक रोगी को समय पर उपचार प्राप्त हो, साथ ही भारत सरकार द्वारा मलेरिया हेतु निर्धारित की गई ट्रिटमेंट प्रोटोकॉल के अनुसार मलेरिया रोगियों का उपचार हो। यदि किन्ही कारणों से रोगी की मृत्यु हो जाती है तो मृत्यु का अंकेक्षण किया जाये। राजकीय व निजी चिकित्सालयों में पृथक से वार्ड आरक्षित किये जाये। स्थानीय निकाय व पंचायती राज विभाग द्वारा नियमित सफाई व नालियों व गंदे पानी के स्त्रोतों में एमएलओ व फोगिंग की जाये। सड़क पर बने हुए गडढ़ों को भरा जाये, घर के बाहर रखी टंकी, कूलर व अन्य पानी के स्त्रोतों की सफाई की जाये। जिले में अभियान के रूप में आमजन को जागरूक करने हेतु जिले में 30 मिनट मलेरिया डेंगू पर वार के लिये प्रेरित किया जाये।
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