सब्जियों के भाव में लगे 'महंगाई के तड़के' , मनपसंद सब्जी खाने पर भी लगी पाबंदी
महंगाई ने पहले से ही लोगों के बजट को बिगाड़ रखा है. ऊपर से सब्जियों के भाव भी आसमान पर चढ़ने के बाद अब लोगों के लिए दो जून की रोटी के साथ सब्जियों का स्वाद लेना भी भारी पड़ रहा है.
जनता से रिश्ता। महंगाई ने पहले से ही लोगों के बजट को बिगाड़ रखा है. ऊपर से सब्जियों के भाव भी आसमान पर चढ़ने के बाद अब लोगों के लिए दो जून की रोटी के साथ सब्जियों का स्वाद लेना भी भारी पड़ रहा है. हालात यह है कि मंडी में पहुंचने के बाद लोग केवल यही सोचते रह जाते हैं कि कोनसी सब्जी लेकर घर जाएं. क्योंकि किसी भी सब्जी के दाम 40 रूपए किलो से कम नहीं हैं.
सब्जियों के भाव में महंगाई का ऐसा तड़का लगा है कि लोग मनचाही सब्जी का स्वाद लेने के लिए भी दो बार सोचने लगे हैं. मटर के दाम जहां पर 120 रुपए किलो पहुंच गए हैं. वहीं टमाटर शतक को छूकर 80 रुपए प्रति किलो पर आ गया है. शिमला मिर्ची भी 80 पर बनी हुई है तो हमेशा 20 किलो से कम दाम पर मिलने वाला आलू 40 रुपए किलो के पार है.
कोटा. महंगाई ने पहले से ही लोगों के बजट को बिगाड़ रखा है. ऊपर से सब्जियों के भाव भी आसमान पर चढ़ने के बाद अब लोगों के लिए दो जून की रोटी के साथ सब्जियों का स्वाद लेना भी भारी पड़ रहा है. हालात यह है कि मंडी में पहुंचने के बाद लोग केवल यही सोचते रह जाते हैं कि कोनसी सब्जी लेकर घर
सब्जियों के भाव में महंगाई का ऐसा तड़का लगा है कि लोग मनचाही सब्जी का स्वाद लेने के लिए भी दो बार सोचने लगे हैं. मटर के दाम जहां पर 120 रुपए किलो पहुंच गए हैं. वहीं टमाटर शतक को छूकर 80 रुपए प्रति किलो पर आ गया है. शिमला मिर्ची भी 80 पर बनी हुई है तो हमेशा 20 किलो से कम दाम पर मिलने वाला आलू 40 रुपए किलो के पार है.
कोटा में सब्जियों के दाम छू रहे आसमान
सब्जी खरीदने पहुंचे लोगों का कहना है कि भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं और कम होने का काम नाम नहीं ले रहे हैं. उनका कहना है कि रसोई का बजट बिगड़ने में सब्जियों का सबसे महत्वपूर्ण रोल है. आज से कुछ महीने पहले जब रेट कम थे, तब सब्जी 400 से 500 में 1 सप्ताह की सब्जी आ जाती थी. लेकिन अब एक सप्ताह की सब्जी खरीदने के लिए जेब से 700 से 800 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं.
शादियों ने बढ़ाई डिमांड, मौसम ने सप्लाई कम कर दी
व्यापारियों का कहना है कि उन्हें मंडी से महंगी सब्जी मिल रही है. जिसके चलते स्थानीय मंडियों में भी भाव बढ़ गए हैं. उन्होंने कहा कि शादियों के सीजन के चलते भी दाम बढ़े हैं. सब्जी की मांग काफी ज्यादा अचानक से हो गई, दूसरी तरफ संभाग में 3 से 4 दिन तक मौसम खराब रहा. जिसके चलते सप्लाई पूरी नहीं मिल पाई. किसानों का माल मंडियों में नहीं पहुंचा. जिससे मांग और सप्लाई का अंतर बढ़ गया और दाम बढ़ गए. जिनको कम होने में अभी थोड़ा समय लगेगा.
मंडी से अलग फेरी वालों के दाम
कोटा शहर में करीब 25 छोटी बड़ी सब्जी मंडी अलग-अलग इलाकों में संचालित होती है. बड़ी मंडी गुमानपुरा से ही व्यापारी माल लेकर जाते हैं. दूरी के अनुसार इन मंडियों में भी भाव अलग अलग हो जाता है. वहीं फेरी वालों के दाम सब्जी मंडी से थोड़े तेज ही रहते हैं. तलवडी इलाके में सब्जी खरीदने पहुंची ज्योति बियानी का कहना है कि मंडी में टमाटर 80 रुपए किलो मिल रहा है. जबकि घरों पर जो टमाटर बेचने आते हैं उनके भाव 100 रुपए किलो है.