रेट्रोफिटिंग ऑफ बूंदी क्लस्टर वृहद परियोजना का लोकार्पण— मेरे प्रदेश के परिवार को नहीं होगी पानी की कमी
जयपुर । मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान जैसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले प्रदेश में जल की महत्ता अमृत से कम नहीं है। इसी महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए और आमजन को जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार मिशन मोड पर कार्य कर रही है। प्रदेश के प्रत्येक गांव-ढाणी और कस्बे को पेयजल एवं सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री गुरूवार को जयपुर स्थित ओटीएस निवास से कृषि उपज मंडी समिति, बूंदी में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत 76.69 करोड़ रूपए की लागत से रेट्रोफिटिंग ऑफ बूंदी क्लस्टर वृहद परियोजना (विस्तार चंबल भीलवाड़ा परियोजना) के लोकार्पण समारोह को वर्चुअली सम्बोधित कर रहे थे। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश की प्यास बुझाने के लिए राज्य सरकार हर स्तर पर गंभीरता से प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने जल आपूर्ति की मूलभूत आवश्यकता को अपनी नीतियों एवं कार्यक्रमों के केन्द्र में रखा है और इस परिप्रेक्ष्य में समन्वित हो धरातल पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।
श्री शर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने जल परियोजनाओं को अटकाने और लटकाने का कार्य किया था। हमने सरकार बनते ही केवल डेढ़ महीने में ही एकीकृत ईआरसीपी पर मध्यप्रदेश एवं केन्द्र सरकार के साथ एमओयू साइन कर इसे क्रियान्वित करने का भागीरथी काम किया है। यह परियोजना पूर्वी राजस्थान के 21 जिलों में लोगों की प्यास बुझाएगी। साथ ही, हमारी सरकार ने शेखावाटी अंचल के जिलों को पानी उपलब्ध कराने के लिए यमुना जल समझौता भी लागू किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 8 करोड़ जनता के घर, खेत और दुकान तक पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंचाने के लिए सरकार के भागीरथी प्रयास अनवरत जारी रहेंगे। राज्य सरकार इसके लिए धन की कोई कमी नहीं रखेगी।
बूंदी में 68 हजार और भीलवाड़ा में 2 लाख घरों तक पहुंचा पानी—
मुख्यमंत्री ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केन्द्र और राज्य सरकार जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेशवासियों को पानी उपलब्ध कराने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। आज जल जीवन मिशन के अन्तर्गत बूंदी के 35 गांव और 47 ढाणियों को हर घर नल की सौगात मिली है। उन्होंने कहा कि बूंदी जिले में 68 हजार घरों को वर्तमान में पानी की आपूर्ति की जा रही है। वहीं जिले के 74 गांवों में नल से जल उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसी तरह से भीलवाड़ा में 2 लाख घरों तक पानी पहुंचाया गया है। वहीं भीलवाड़ा के 88 गांवों को शत-प्रतिशत नल से जल उपलब्ध हो चुका हैं। श्री शर्मा ने कहा कि रेट्रोफिटिंग ऑफ बूंदी क्लस्टर वृहद परियोजना के अन्तर्गत 9 हजार 227 घरेलु कनेक्शन जारी कर दिए गए हैं। इस परियोजना से 97 हजार से अधिक आबादी लाभान्वित होगी।
अप्रैल में पूरा होगा नवनेरा बैराज का कार्य—
मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्वती कालीसिंध चम्बल परियोजना के मुख्य घटक नवनेरा बैराज का कार्य एक महीने में पूरा कर इसमें जल संग्रहण का कार्य शुरू हो जाएगा। कालीसिंध नदी पर 226 मिलियन क्यूबिक मीटर के इस बैराज पर तीन गेटों का निर्माण कार्य किया जा रहा हैं। नवनेरा बैराज के पूर्ण होने पर संशोधित पार्वती कालीसिंध परियोजना का कार्य धरातल पर शुरू हो जाएगा। इससे 54 मिलियन क्यूबिक मीटर जल कोटा एवं बूंदी जिले के 6 शहरी क्षेत्रों एवं 750 गांवां को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 शुरू किया है। इसके लिए लगभग 11 हजार 200 करोड़ रूपए के बजट का प्रावधान किया गया है।
अब पेपरलीक माफिया की जगह केवल सलाखों के पीछें—
श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले पेपरलीक माफिया के विरूद्ध सख्त कार्यवाही कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन माह के समय में ही पेपरलीक में संलिप्त अपराधियों की सांठ-गांठ को उजागर करते हुए बड़़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बड़े से बड़ा प्रभावशाली व्यक्ति भी ये जान ले कि अगर उसने फर्जीवाड़े से अपने रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी दिला दी है तो सरकार उसे अब नहीं छोड़ने वाली। कानून का हाथ उन तक पहुंचेगा और उन्हें सलाखों के पीछे डाला जाएगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने रिमोट का बटन दबाकर रेट्रोफिटिंग ऑफ बूंदी क्लस्टर वृहद परियोजना का लोकार्पण किया। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री श्री कन्हैया लाल चौधरी, ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हीरालाल नागर, पूर्व मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी सहित जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।