प्रशासन शहरों के संग अभियान में जेडीए ने अब तक 12500 पट्टे जारी किए
झोटवाड़ा आरओबी (Jhotwara ROB) को गति देने के लिए 15 नवंबर से आरओबी (ROB) के निर्माण से प्रभावित मकान/ दुकान के लिए शिविर आयोजित कर जमीन पर कब्जा लेने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है
जनता से रिश्ता। झोटवाड़ा आरओबी (Jhotwara ROB) को गति देने के लिए 15 नवंबर से आरओबी (ROB) के निर्माण से प्रभावित मकान/ दुकान के लिए शिविर आयोजित कर जमीन पर कब्जा लेने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.झोटवाड़ा आरओबी (Jhotwara ROB) से प्रभावित परिवारों को पुनर्वास के लिए (For Rehabilitation) अधिकांश आवंटन और पट्टे जारी करने की कार्रवाई की जा चुकी है. बचे पात्र परिवारों को भी जल्द ही पुनर्वास किये जाने की कार्रवाई की जा रही है. साथ ही जिन प्रभावितों को आवंटन पत्र या पट्टा जारी किया जा चुका है, उनके लिए 15 नवम्बर 2021 को मौके पर ही शिविर आयोजित कर कब्जा प्राप्त करने की कार्रवाई शुरू की गई है.
आरओबी का लगभग 55 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण कर लिया गया है. जमीन पर कब्जा लेने के साथ प्रोजेक्ट को भी गति मिलेगी. वहीं शहर में सौन्दर्यीकरण (Beautification) और हरियाली विकसित करने के लिए विद्याधर नगर (Vidyadhar Nagar), किशनबाग गांव, नाहरगढ़ की तलहटी में जेडीए की भूमि पर विकसित किशनबाग परियोजना (Kishanbagh Project) विकसित की गई है. जिसका प्रबंधन कार्य राव जोधा पार्क सोसायटी (Rao Jodha Park Society) संभाल रही है.
यहां प्रकृतिवादियों के लिए छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Program) के बाद दो प्रतिभागियों को पार्क के लिए प्रकृतिवादी गाइड के रूप में चुना गया. इस प्रशिक्षण में बालू के टीले भूविज्ञान, चट्टानें और जीवाश्म, बालू के टीलों के पौधे, पक्षी और कीट जैसे विषयों को शामिल किया गया. साथ ही आगंतुकों के साथ व्यवहार करना और उनके अनुभव को समृद्ध करना प्रशिक्षण का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा था. इसके अलावा बाग के लिए 1 पर्यवक्षक, 10 गार्डनर, 16 सुरक्षाकर्मी, 2 टिकट कलेक्टर और 2 सफाई कर्मचारी लगाये गये हैं.
उधर, जयपुर विकास प्राधिकरण (Jaipur Development Authority) शहर के मुख्य सर्किल और चौराहों का सौन्दर्यीकरण (Beautification) कर शरद ऋतु के फूलदार पौधों से सजाया जा रहा है. इसका उद्देश्य सूर्य की किरणों के साथ-साथ रंग-बिरंगे फूलों का मनमोहक और प्रदूषण मुक्त वातावरण शहरवासियों को मिल सके. जेडीए (JDA) की ओर से करीब 10 हजार फुलवारियों के गमले रखे जा रहे हैं.