श्रीमद्भागवत कथा में भक्तों को भगवान के चौबीस अवतारों का प्रसंग सुनाया गया
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करौली। करौली क्षेत्र की ग्राम पंचायत मिर्जापुर के ग्राम मिर्जापुर में बृजेन्द्र शर्मा के सेवानिवृत होने के अवसर पर चल रहे श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ में पं. दूसरे दिन की कथा में भगवानदास शास्त्री ने भगवान के चौबीस अवतारों का संक्षिप्त वर्णन करते हुए ज्ञान और भक्ति के भेद के बारे में बताया। उन्होंने राजा परीक्षा की महाभारत कथा सुनाई, जिसे सुनकर श्रोता भावुक हो गए। भागवत कथा यज्ञ के आयोजक बृजेंद्र शर्मा के निजी आवास पर चल रही कथा से पूरा गांव धार्मिक हो गया है. भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के आयोजक बृजेंद्र शर्मा ने बताया कि वर्तमान में यही भगवान के नाम का आधार है; भगवान ने नवधाभक्ति में भगवान की कथा सुनने के लिए सबरी को भक्ति का रूप भी बताया है। अतः सभी बंधुओ से आग्रह है कि फालतू के कार्य जैसे ताश खेलना, जुआ खेलना, शराब पीना आदि में समय नष्ट करने के स्थान पर भगवान का नाम सुने जिससे मानव जीवन की रक्षा हो सके और इस कलियुग रूपी सागर को पार किया जा सके। शास्त्री जी ने कथा पढ़ते हुए बताया कि पंडाल में भागवत कथा देखें तो पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या अधिक है। इसका कारण यह है कि पुरुषों के पास ताश खेलने और मजाक करने का समय नहीं होता है। मैंने सभी ग्रामवासियों से आग्रह किया कि "जब तक जीवन रहेगा, काम से फुर्सत नहीं मिलेगी, कुछ समय निकालो, मुझे प्यार करो श्याम से" दोहे के माध्यम से भागवत कथा का महत्व बताया।