राजस्थान में बीते दिनों से लंपी वायरस की चपेट में आने से हजारों की संख्या में गोवंश की मौत

राजस्थान में बीते दिनों से लंपी वायरस की चपेट में आने से हजारों की संख्या में गोवंश की मौत हो चुकी है

Update: 2022-08-07 10:54 GMT

राजस्थान में बीते दिनों से लंपी वायरस की चपेट में आने से हजारों की संख्या में गोवंश की मौत हो चुकी है. पाकिस्तान से आया यह वायरस धीरे-धीरे पूरे राजस्थान में पैर पसार रहा है. ऐसे में अब ग्रामीणों ने अपने गोवंश को बचाने के लिए आस्था का सहारा लेना शुरू कर दिया है. सिरोही जिले के पालड़ी एम गांव के लोगों ने इस बीमारी को गांव से दूर करने के लिए गांव के माता की पूजा अर्चना कर दूध धागे से ढोल नगाड़े के साथ पूरे गांव के चारों ओर परिक्रमा से सुरक्षा चक्र बनाया है. ग्रामीणों का दावा है कि सुरक्षा चक्र बनने के बाद गांव में किसी प्रकार की कोई भी बीमारी प्रवेश नहीं कर सकती.

मंदिर में पूजा अर्चना कर बनाया सुरक्षा का घेरा
सिरोही के ग्रामीण इलाकों में लंपी बीमारी से गोवंश मरने की कगार पर है. इसी से बचने के लिए पालड़ एम के ग्रामीणों ने पौराणिक मान्यता के अनुसार पूरे गांव के लोगों ने मिलकर गांव की खेड़ा देवी काली माता के मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की. साथ ही ढोल नगाड़े के साथ में महिलाओं द्वारा माता के गीत गाकर माता को मनाया. साथ ही माता से गांव की सुरक्षा के लिए संपूर्ण गांव से एक-एक परिवार के हिसाब से 10 रुपये और नारियल दूध को इकट्ठा किया.
इसके बाद इस दूध को एक घड़े में भरा और धागे के साथ इसे पूरे गांव का सुरक्षा चक्र बनाया. ग्रामीणों का दावा है कि इस सुरक्षा चक्र के बाद किसी प्रकार की बीमारी या प्रकोप गांव के भीतर नहीं आ सकता. आज सुबह से मंदिर में पूजा अर्चना करके इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. लंपी जैसी बीमारी को दूर करने के लिए इस कार्यक्रम को संपूर्ण गांव वालों के साथ में मनाया जा रहा है. वही संपूर्ण गांव में हर खंभों पर नारियल भी मानदेय गए जिससे किसी प्रकार की बीमारी को अंदर आने से रोका जाए.
प्रशासन भी लगातार कर रहा इलाज
जिला प्रशासन इस बीमारी से निपटने के लिए लगातार गांव की गौशालाओं में आवारा घूम रही गोवंश को पकड़ कर उनका सर्वे किया जा रहा है. साथ ही उनका इलाज किया जा रहा है. हालांकि इस इलाज के साथ में लोगों की आस्था से कई गोवंश की दुर्दशा और ना बढ़ जाए यह अंदेशा लगाया जा रहा है. आज के युग में इस प्रकार पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इलाज करना आश्चर्य का विषय बना हुआ है. गांव के इस आयोजन से कई शिक्षित व सरपंच के साथ में जनप्रतिनिधि भी हिस्सा लेते नजर आते हैं. इस बीमारी से किस प्रकार निपटना है अब दवाई के साथ दुआ भी देखने को मिल रहे हैं.


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