राजस्थान में मई महीने की सूरज की तपिश के बीच बत्ती गुल, सैंकड़ों गांव अंधेरे की जद में

राजस्थान में मई महीने की सूरज की तपिश के बीच बत्ती गुल है. सैंकड़ों गांव अंधेरे की जद में है. रात और दिन बिजली कटौती की मार है.

Update: 2022-05-09 14:03 GMT

राजस्थान में मई महीने की सूरज की तपिश के बीच बत्ती गुल है. सैंकड़ों गांव अंधेरे की जद में है. रात और दिन बिजली कटौती की मार है. मांग और उत्पादन में प्रतिदिन पांच करोड़ यूनिट का फासला बना हुआ है, ऐसे में कटौती की जद में शहर और उद्योग भी आ चुके हैं.

प्रदेश में 5000 से अधिक आबादी के गांवों और शहरों में 1 से लेकर तीन घंटे का घोषित पॉवर कट है. अब बड़ी मार उत्पादन निगम की पांच इकाइयों के बंद होने से है. उत्पादन निगम की 7580 मेगावाट उत्पादन क्षमता में से 1970 मेगावाट की क्षमता विभिन्न कारणों से बन है. अब सूरजगढ़ थर्मल की 250 मेगावाट क्षमता की तीसरी इकाई में उत्पादन बंद होने से संकट गहरा गया है.
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष मई में बिजली की मांग में लगभग 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. साथ ही पीक डिमांड भी 25 प्रतिशत बढ़कर 14,700 मेगावाट तक पहुंच गई है. इस माह बिजली की अधिकतम खपत 29 करोड़ यूनिट प्रतिदिन के पार पहुंच चुकी है. प्रदेश की विद्युत उत्पादन निगम की 5 यूनिट से बिजली उत्पादन बंद है. बिजली किल्लत के चलते ऊर्जा विभाग इन्हें जल्द शुरू करने की तैयारी में है.
बिजली संकट के विकट हालात में जरूरी सेवाओं हॉस्पिटल, ऑक्सीजन प्लांट, पीने के पानी की सप्लाई, मिलिट्री इंस्टॉलेशन को बिना रुकावट सप्लाई देने के लिए कटौती जरूरी हो गई है. आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी जगह बिजली कटौती के निर्देश है.


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