जालोर जिले की सबसे बड़ी गौशाला में 1 लाख 50 हजार से अधिक गाय संकट में , 7 दिन में 500 गायों की मौत
7 दिन में 500 गायों की मौत
जालोर, राजस्थान में तेजी से फैल रही संक्रामक बीमारी लम्पी गायों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। इस बीमारी का प्रकोप सबसे ज्यादा गौशालाओं में देखने को मिल रहा है। जालोर जिले में स्थित दुनिया के सबसे बड़े गौशाला पथमेड़ा की 1 लाख 50 हजार से अधिक गायें बड़े संकट का सामना कर रही हैं। पथमेड़ा गोधाम से जुड़ी सभी गौशालाओं में लगभग पिछले 7 दिनों में 500 से ज्यादा गायों की मौत हुई है और 1500 से ज्यादा गायें संक्रमित हैं.
जालोर-सिरोही जिले की सबसे बड़ी सरस डेयरी में जिले में फैले पशुओं के दूध उत्पादन में इस वायरस का कोई खास फर्क नहीं पड़ा है, क्योंकि डेयरी में ज्यादातर दूध ग्रामीण इलाकों से और घरों से आता है, जबकि यह वायरस ज्यादातर जिले के गौशालाओं में सरस डेयरी के मुख्य प्रबंधक किशनराम बिश्नोई ने बताया कि एक जुलाई से 15 जुलाई तक औसत दूध 24 हजार 313 लीटर प्रतिदिन था.
इस रोग में गायों में बुखार, आंख और नाक से स्राव, मुंह से लार आना, पूरे शरीर पर गांठ जैसे कोमल छाले, दूध उत्पादन में कमी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसके अलावा इस रोग में शरीर पर गांठें बन जाती हैं। इस तरह के पिंड गर्दन और सिर के पास अधिक दिखाई देते हैं।
वर्तमान में ठाकुर गौसेवा आश्रम पालड़ी में 5 हजार से अधिक गायें हैं। इसमें से 700 गायें ढेलेदार चर्म रोग की चपेट में आ चुकी हैं, जिसके बाद से गायों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया है। सोशल मीडिया के जरिए सहयोग की अपील की गई है। पथमेड़ा गौशाला के विट्ठल कृष्ण महाराज ने बताया कि शुरू में हर दिन चार से पांच गायों की मौत हो रही थी, लेकिन पिछले चार दिनों से रोजाना 25 से 30 गायों की मौत हो रही है. उन्होंने राज्य सरकार से इस बीमारी में गायों को सहायता राशि के साथ दवा उपलब्ध कराने की मांग की है.