अरिहंत वंदनावली में बताया तीर्थंकर के पांचों कल्याणक का बताया गया महत्व

Update: 2023-07-11 12:06 GMT
जालोर। जालोर महावीर स्वामी जैन मंदिर परिसर में रविवार को अरिहंत वंदनावली कार्यक्रम में श्रावक एवं श्राविकाओं की भीड़ उमड़ी। मुनिराज हितेशविजय महाराज ने अरिहंत वंदनावली के संगीतमय कार्यक्रम में तीर्थंकर भगवान के पांचों कल्याणक च्यवन कल्याणक, जन्म कल्याणक, दीक्षा कल्याणक, केवलज्ञान कल्याणक एवं मोक्ष कल्याणक की सविवरण वर्णन किया। उन्होंने प्रत्येक कल्याणक के अवसर पर मुनिराज हितेशविजय महाराज ने प्रवचन के द्वारा सारगर्भित विवेचन किया। च्यवन कल्याणक के बारे में बताते हुए कहा कि त्रिशला माता को चौदह स्वप्न आना ही शुभ फल की निशानी है। गर्भ के हिलने से माता को प्रमोद, गर्भ प्रतिपालन आदि का वर्णन करते हुए जन्मोत्सव का हाल सुनाया कि प्रभु का नाम वर्धमान रखा गया, जो अपने माता-पिता के देवलोक गमन के बाद उन्होंने दीक्षा ग्रहण की। नकी दीक्षा महोत्सव के लिए क्षत्रियकुंड को सजाया गया। वही प्रभु को केवल ज्ञान होने पर वे तीनों कालों से संबंधित मन, वचन, काया के योग से वर्तमान सब जीवों के सब भाव जानने वाले हुए। तीर्थंकर भगवान का मोक्ष गमन पावापुरी में दीपावली के दिन हुआ। इस अवसर पर चातुर्मास समिति के भंवरलाल कोमता, भंवरलाल वर्धन, मुकेश बाफना, भंवरलाल कांनूगो, माणकमल भंडारी, रमेशकुमार मेहता बोटी, पुखराज कांनूगो, अशोक मेहता आदि मौजूद रहे।
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