जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान पुलिस के नवाचारों के कारण ही अपराधों की जांच में लगने वाला समय कम हुआ है। जघन्य हादसों में पुलिस की तुरंत कार्रवाई बड़ी उपलब्धि है। पुलिस मुख्यालय में गहलोत कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए अभय कमांड सेंटर को और सुदृढ़ किया जा रहा है और 30 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य भी जल्द पूरा हो जाएगा।
गृह सचिव की अध्यक्षता में बनेगी उच्च स्तरीय समिति: मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश में जयपुर और अन्य शहरों में भूमि के क्रय-विक्रय से संबंधित धोखाधड़ी के मामले बढ़े है, जो चिंताजनक है। इस तरह के प्रकरणों की प्रभावी रोकथाम के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी, जो दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। इस समिति में जयपुर विकास प्राधिकरण, नगरीय विकास विभाग, सहकारिता विभाग और पुलिस के उच्चाधिकारी शामिल होंगे। यह समिति भूमाफियाओं पर लगाम लगाने के लिए अपने सुझाव देगी।
एनसीआरबी के आंकड़ों से छवि धूमिल करने की कोशिश: मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट-2021 के हवाले से राजस्थान की छवि धूमिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। राजस्थान में एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण की नीति के बावजूद 2021 में 2019 की तुलना में करीब पांच प्रतिशत अपराध कम दर्ज हुए हैं, जबकि अन्य राज्यों में अपराध अधिक दर्ज हुए हैं।
गुजरात, हरियाणा और मध्यप्रदेश में अपराधों में 69, 24 और 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हत्या, महिला अपराध और अपहरण में उत्तर प्रदेश आगे है। ज्यादा कस्टोडियल डेथ्स गुजरात में हुई हैं। पोक्सो एक्ट के मामलों में मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है, जबकि राजस्थान 12वें स्थान पर है।
शव को लेकर प्रदर्शन करना सांस्कृतिक मूल्यों के विपरीत: मुख्यमंत्री ने मुआवजे के लिए हादसे में मृतक के शव को लेकर विरोध प्रदर्शन करने की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्तकी और इसे सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि ऐसे मामलों में दोषी को सजा मिले।
शराब की दुकानें 8 बजे बंद हो: मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य में शराब की दुकानों के बंद होने का समय रात आठ बजे का है, जिसका सख्ती से पालन होना चाहिए। यदि तय समय के बाद शराब की दुकानें खुली पाई गई तो उस इलाके के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।