सीमावर्ती गांवों में अवैध संबंध भी आत्महत्या का एक बड़ा कारण

Update: 2023-05-26 04:59 GMT

जयपुर न्यूज: सीमावर्ती गांव गंगासरा। 32 वर्षीय झीमो देवी के आंगन में दो मासूम बेटा संतोष (8) और भावना (2.5 साल) खिलखिला रहे थे। दो साल पहले घर में देवरानी रामूदेवी आई। उससे झीमो की नींद उड़ गई। झीमो का पति कभी जोधपुर, बीकानेर जाने लगा। देवरानी जिठानी के झगड़े में भी झीमो का साथ देने की बजाय देवरानी का पक्ष लेने लगा। झीमों को लगा कि पति देवरानी को तवज्जो दे रहा। झीमो ने पति को खूब समझाया। गिड़गिड़ाई कि हमारे दो बच्चे हैं, मुझसे दूर मत जाओ। लेकिन झीमो को हर बार आंसू ही मिले।

पानी सिर से गुजरा तो झीमो ने फैसला कर लिया। झीमों ने सबसे पहले शादी के गहने, बैंक की एफडी, जमीन के कागजात, पट्टे, आदि सभी जरूरी दस्तावेज लिए और आग लगा दी। सब कुछ जलाकर एक कागज लिया और लिखा- हे भगवान मुझे इतना दर्द क्यों दे रहे हो...? मैं परेशान हो चुकी हूं। मेरी देवरानी रामूदेवी मुझे जला कर मारने की 6 माह से धमकी दे रही और पति कह रहा है, यहां जीवित रहना है तो रामूदेवी कह रही वह करना होगा। पति चिमाराम बोलता है.. मैं तो रामूदेवी के साथ हूं। अब बर्दाश्त कर सकती। अंतिम लाइन में झीमो ने लिखा.. माता, पिता, भाइयों, बहन....मैं आपको यह नहीं बता पाई.. माफ करना। झीमो के गुस्से की तरंगें मोबाइल टावर से ऊंची हो चुकी थी। अपना सुसाइड नोट इंटरनेट पर चढ़ाया, फेसबुक आदि पर अपलोड करने के 10 मिनट में बेटे संतोष और भावना को टांके में फेंका। फिर खुद ने छलांग लगा ली।

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