टाइगर रिजर्व में बढ़ रही अवैध गतिविधियां

Update: 2023-05-12 14:50 GMT

कोटा: मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है। जंगल में तस्करों की घुसपैठ बढ़ रही है। वहीं, वन्यजीवों व टाइगर की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है। यहां रात के अंधेरे में ही नहीं दिन के उजाले में भी अवैध गतिविधियां धडल्ले से चल रही हैं। दुर्लभ प्रजातियों के पेड़ों पर तस्कर जमकर कुल्हाड़ी बरसा रहे हैं। इसके बावजूद रैंजर से लेकर सीसीएफ तक आंखें मूंदे बैठे हैं। दरअसल, जवाहर सागर और बोराबांस के जंगलों में तस्करों ने बड़ी संख्या में खैर के पेड़ काट दिए। वहीं, गुणकारी विल्व पत्र, तेंदू, अर्जुन सहित अन्य पेड़ों का कटान अब भी जारी है। दूसरी तरफ जिम्मेदार अधिकारियों ने आंखे मूंद ली हैं। अधिकारियों के आंखे मूंदने पर अब जंगल के रखवाले सवाल उठाने लगे हैं।

प्रतिबंधित है खैर की कटाई

पर्यावरणविदों के मुताबिक, खैर की लकड़ी से कत्था और गुटखा बनने के कारण यह तस्करों के बीच हॉटकेक के नाम से महशूर है। इसकी लकड़ी सबसे महंगी होती है। मोटे मुनाफे के लालच में खैर की बड़े पैमाने पर कटाई की जाती है। मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के जवाहर सागर, बोराबास, कोलीपुरा, लक्ष्मीपुरा, वनक्षेत्र में बड़ी संख्या में खैर के पेड़ हैं। अवैध कटाई के लिए तस्कर टाइगर के मूवमेंट वाले इलाकों में भी घुस जाते हैं। जबकि, बाघिन एमटी-4 की टेरिटरी लक्ष्मीपुरा थी। ऐसे में तस्तकरों की पहुंच टाइगर की टेरिटरी तक होने से इंकार नहीं किया जा सकता। वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि टाइगर रिजर्व में अवैध गतिविधियां गंभीर विषय है। अधिकारियों की लापरवाही से वन सम्पदा के साथ वन्यजीवों की सुरक्षा भी दांव पर लगी हुई है।

बोराबास में अवैध कटान

बोराबास रैंज के जंगल में भी विल्ब पत्र, तेंदू, अर्जुन सहित अन्य गुणकारी पेड़ों को वन माफियाओं ने कुल्हाड़ी चलाकर काट दिया। यहां बड़ी संख्या में अवैध कटान हो रहा है। जबकि, इस रेंज में रेंजर के अलावा बड़ी संख्या में स्टाफ तैनात रहता है। इसके बावजूद कटान होना मिलीभगत की ओर इशारा करता है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी रैंजर, डीएफओ व सीसीएफ को नहीं है, इसके बावजूद संदिग्ध घुसपैठ रोकने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि पोर्टेबल आरी मशीन व कुल्हाड़ियों से तस्करों का समूह जंगल उजाड़ रहा फिर भी अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रैंग रही।

धनेश्वर में काट दिए खैर

जवाहर सागर रेंज के धनेश्वर वनक्षेत्र में तस्करों ने खैर के पेड़ काट दिए। इनमें से अधिकतर लकड़ियां वे जाने में सफल भी हो गए। हालांकि, कुछ लकड़ियां वनरक्षकों ने अपनी जान पर खेल तस्करों के चंगुल से आजाद करवा ली। लेकिन, धनेश्वर जैसे सघन जंगल में तस्करों की घुसपैठ होना लापरवाही दर्शाती है। बता दें, टाइगर एमटी-5 चंबल नदी पार कर धनेश्वर में ही अपना ठिकाना बनाता है। ऐसे में यहां तस्करों की पहुंच टाइगर की सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकती है।

इन अधिकारियों ने नहीं दिया जवाब

मुकुंदरा में अवैध गतिविधियों के मामले को लेकर नवज्योति ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक डीएन पांडे्य व कोटा सीसीएफ शारदा प्रताप सिंह को फोन किया लेकिन उन्होंने नहीं उठाया। हालांकि, व्हाट्स एप पर दिए गए मैसेज को पढ़ लिया।

जंगल खतरे में, नींद निकाल रहे अधिकारी

छायाचित्रों में झलकती मुकुंदरा की यह तस्वीर हैरान कर देने वाली है। चिंता की बात है कि तस्कर दुर्लभ व गुणकारी पौधों की अंधाधुन कटाई कर रहे हैं और अधिकारी हाथ पर हाथ रख नींद निकाल रहे हैं। राष्टÑीय पार्क में बेहताशा कटाई होना वन विभाग के लिए शर्मनाक घटना है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

- बाबूलाल जाजू, पर्यावरणविद् तथा प्रदेशाध्यक्ष, पीपुल्स फॉर एनिमल

अधिकारियों पर दर्ज हो मुकदमा

बाघिन एमटी-4 की मौत में भी लापरवाही बरती गई है। सीसीएफ, डीएफओ रेंजर तक को सस्पेंड करना चाहिए। मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में अवैध गतिविधियां संचालित होना गंभीर विषय है। जवाहर सागर व बोराबास महत्वपूर्ण रेंज है। वन्यजीवों का जीवन खतरे में डालने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर उच्चाधिकारी वनएक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की निष्पक्ष जांच करवाएं।

- जसवंत सिंह तंवर, प्रधान संस्थापक, आॅल इंडिया अधिनस्थ वन कर्मचारी महासंघ

वनकर्मियों का तोड़ रहे मनोबल

वन रक्षक से फोरेस्टर तक के कर्मचारी अवैध गतिविधियां रोकने के लिए अपनी जान दांव पर लगाकर तस्करों से भिड़ रहे हैं। कई बार चोटिल भी हो चुके हैं। इसके बावजूद अधिकारी छोटी-छोटी बातों पर नोटिस देकर उनका मनोबल तोड़ रहे हैं। उच्च अधिकारी फिल्ड कर्मचारियों से बाबूगिरी करवा रहे हैं। जबकि, प्रधान मुख्य वन संरक्षक इन्हें फील्ड में लगाने के निर्देश दे चुके हैं।

- देवव्रत सिंह हाड़ा, संस्थापक, पर्गमार्क फाउंडेशन

इनका कहना है

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में अवैध गतिविधियां चल रही हैं तो उनकी रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। जंगल में कहां क्या हो रहा है, इसकी जानकारी करवा रहा हूं। हम उसकी जांच करवाएंगे।

- अरविंदम तोमर, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, वन विभाग जयपुर

मुकुंदरा में कुछ गलत हो रहा है तो उसे रोकने के प्रयास करेंगे। इसके बारे में सीसीएफ से ही बात की जा सकती है।

- बीजो रॉय, डीएफओ, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व कोटा

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