छात्रवृत्ति आवेदन में फर्जीवाड़ा पाए जाने पर संबंधित कॉलेज को काली सूची में डाल दिया जाएगा
राजस्थान | सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के अधीन कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए दी जाने वाली उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति आवंटन में फर्जीवाड़े की आशंका विभाग खुद ने जताई है। इसको लेकर छात्रवृत्ति के आवेदन करने के लिए नियमों में बदलाव किया है। ये आवेदन कॉलेज विद्यार्थी की ओर से ऑनलाइन पोर्टल पर भरे जाते हैं। इसी का फायदा उठाकर विद्यार्थी फर्जी आवेदन कर देते हैं और छात्रवृत्ति का लाभ ले लेते हैं।
इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए विभाग के पास तकनीकी सुविधा नहीं है। लिहाजा आवेदन से पहले ही नियमों में कुछ बदलाव किया है। जिस कॉलेज या संस्थान के माध्यम से किए गए आवेदन में फर्जीवाड़ा या अपात्र अभ्यर्थी मिला तो इसके लिए कॉलेज जिम्मेदार होगा और उसे ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा। साथ ही कॉलेज में छात्रवृत्ति प्रभारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। वहीं विद्यार्थियों को एक यूनिक कोड दिया जाएगा। यह कोड तब तक के लिए रहेगा, जब तक विद्यार्थी कॉलेज में पढ़ाई करेगा व छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करता रहेगा।
लाभ के लिए हर साल रिन्युअल कराना होगा
सहायक निदेशक समाज कल्याण विभाग माधंता सिंह ने बताया कि प्रति वर्ष कॅालेज या संस्था को छात्रवृत्ति का लाभ लेने के लिए रिन्युअल कराना होगा। जिसमें भी पाठ्यक्रम स्वीकृत छात्रों की संख्या आदि समीक्षा के बाद संस्थान की मान्यता का नवीनीकरण किया जाएगा। संस्थान के पास एआईएसएचई मान्यता होने के बाद ही छात्रवृत्ति के लिए उस संस्थान से जुड़े बच्चों का आवेदन करवा पाएंगे। अन्यथा आवेदन निरस्त हो जाएगा।