बीकानेर। बीकानेर करीब ढ़ाई साल पहले घर में खाना बना रही पत्नी को पेट्रोल डालकर जान से मारने वाले पति को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी है। साथ ही अदालत ने मृतका की दो नाबालिग बेटियों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि पत्नी की हत्या करने के साथ ही अभियुक्त ने दो नाबालिग बेटियों को उसकी मां के प्यार से भी वंचित कर दिया। बीकानेर के अपर सेशन न्यायाधीश संख्या छह की अदालत में ये मामला चल रहा था, जिसमें मंगलवार को फैसला सुनाया गया। मामला ये है कि छह फरवरी 21 को सलीम पुत्र फैज मोहम्मद ने घर में खाना बना रही पत्नी शमशाद उर्फ बिल्लू पर पेट्रोल डाल दिया और आग के हवाले कर दिया। पेट्रोल अपनी ही बाइक से निकालकर लाया था। इसके बाद शमशाद को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां वो करीब डेढ़ महीने तक जिंदगी के लिए संघर्ष करती रही। आखिरकार 31 मार्च 21 को उसकी मौत हो गई। अदालत में सलीम के पक्ष में कई तर्क दिए गए कि हादसे में वो झुलस गई थी लेकिन अदालत ने इसे नहीं माना।
शमशाद और सलीम का विवाह जनवरी 2009 में हुआ था। उनके दो जुड़वा बेटियां सोनू और मोनू है। जिनका जन्म अक्टूबर 2009 में हुआ था। महज 12 साल की उम्र में दोनों जुड़वा बहनों के सिर से मां का साया उठ गया। अदालत ने इसे भी गंभीरता से लिया। अदालत ने सलीम को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही दस हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है। इसके साथ ही दोनों नाबालिग बच्चियों को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत आर्थिक सहायता देने के भी निर्देश दिए हैं।