भरतपुर। भरतपुर में चाय बनाते वक्त गैस सिलेंडर दहकने से एक परिवार के 3 लोग चपेट में आ गए। इस घटना ने जोधपुर जिले के भूंगरा गांव में हुई त्रासदी याद दिला दी। हालांकि भरतपुर में हुए हादसे में झुलसे लोगों की जिंदगी बच गई। मामला भरतपुर जिले के डीग कस्बे का है। डीग के नीमगठा मोहल्ले में रहने वाले शिवराम (37) की पत्नी आज सुबह 8.30 बजे के करीब चाय बनाने के लिए रसोई में गई थी। जैसे ही उसने बर्नर जलाया, सिलेंडर ने आग पकड़ ली। इस दौरान घर में शिवराम, उसका बेटा कृष्णा (16) और बेटी तनु (11) मौजूद थे। शिवराम मजदूरी करता है। सिलेंडर ने आग पकड़ी तो शिवराम की पत्नी रसोई से भागकर कमरे में आ गई। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर शिवराम और उसके दोनों बच्चे रसोई में पहुंच गए। तीनों ने मिलकर आग बुझाने की कोशिश की। इसी बीच अचानक आग भड़क गई और तीनों आग की चपेट में आ गए।
तीनों के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर मोहल्ले वाले भी जमा हो गए। दोनों बच्चों और पति को आग में घिरा देख शिवराम की पत्नी बेहोश हो गई। इसके बाद मोहल्ले के लोगों ने गीली टाट डालकर सिलेंडर की आग पर काबू पाया और सिलेंडर उठाकर मकान से बाहर सड़क पर ले आए। इसके बाद झुलसे शिवराम, कृष्णा और तनु को डीग हॉस्पिटल पहुंचाया। नीमघटा मोहल्ले के स्थानीय लोगों ने बताया कि सिलेंडर में आग लगने से मोहल्ले में अफरा-तफरी मच गई। पड़ोसियों ने करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। घर में उस वक्त चार सदस्य ही मौजूद थे।
शिवराम के पड़ोसी तीनों घायलों को इलाज के लिए डीग के राजकीय रेफरल अस्पताल लाया गया। जहां पर तीनों का प्राथमिक उपचार किया गया। इसके बाद हालत गंभीर होने के चलते तीनों को आरबीएम (राय बहादुर मेमोरियल) अस्पताल भरतपुर के लिए रेफर कर दिया गया l आग की सूचना मिलते ही उपखंड अधिकारी रवि कुमार गोयल, सीओ आशीष कुमार प्रजापत डीग हॉस्पिटल पहुंचे और घटना की जानकारी ली। आग लगने से रसोई में रखा सामान जलकर राख हो गया। हादसे में शिवराम (37), कृष्णा (16), तनु (11) झुलस गए। उपखंड अधिकारी रवि कुमार गोयल ने बताया कि आग की सूचना मिलते ही हम रेफरल चिकित्सालय पहुंचे। जहां पर हमने तीनों झुलसे घायलों को देखा। हालत गंभीर होने के चलते डॉक्टर ने तीनों घायलों को आरबीएम अस्पताल भरतपुर के लिए रेफर कर दिया है l