उदयपुर में हुंकार रैली 18 जून को, जिले में तैयारी जोरों शोरो पर

Update: 2023-06-13 11:09 GMT
प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ हुंकार रैली की तैयारी को लेकर राम वाटिका प्रतापगढ़ में 18 जून को आदिवासी समाजसेवियों की बैठक हुई. बैठक में उदयपुर जाने के लिए नंबर व वाहन एकत्रित करने की योजना बनाई गई तथा नंबर ले जाने के लिए पंजीयन शुल्क के कूपन बांटे गए. बैठक में प्रतापगढ़ जिले के सह संयोजक कैलाशचंद्र मीणा व समाजसेवी रामचंद्र मीणा, नारायण लाल गमेती, जगदीश कुमावत आदि मौजूद रहे. रामचंद्र मीणा ने बताया। उदयपुर हल्दीघाटी युद्ध दिवस : आदिवासी सुरक्षा मंच राजस्थान के तत्वावधान में 18 जून को उदयपुर शहर में डी-लिस्टिंग हुंकार महारैली का आयोजन होने जा रहा है। डी-लिस्टिंग रैली में पूरे राजस्थान का आदिवासी समाज पहुंचेगा और एक स्वर से संविधान द्वारा प्रदत्त विशेष प्रावधानों से धर्म परिवर्तन करने वाले आदिवासी परिवारों को हटाने के लिए नारेबाजी करेगा. आदिवासी समुदाय के अधिकारों और उनकी संस्कृति की रक्षा के लिए डी-लिस्टिंग रैली का आयोजन किया जा रहा है। रैली के माध्यम से यह मांग उठाई जाएगी कि धर्म परिवर्तन करने वाले आदिवासी समुदाय का नाम एसटी सूची से हटाया जाए. 1968 में आदिवासी नेता/पूर्व सांसद डॉ. कार्तिक उरांव ने इस संवैधानिक/कानूनी विसंगति को दूर करने का प्रयास किया और विस्तृत अध्ययन भी किया. अध्ययन से पता चला कि 5 प्रतिशत ईसाई धर्मांतरित कुल एसटी नौकरियों, छात्रवृत्ति और अखिल भारतीय स्तर पर सरकारी अनुदान का लगभग 70 प्रतिशत ले रहे हैं, ईसाई और मुस्लिम धर्मांतरित अनुसूचित जनजाति की अधिकांश सुविधाओं को हड़प रहे हैं और दोहरा लाभ उठा रहे हैं।
हुंकार रैली को डी-लिस्ट करने को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। महारैली में पूरे राजस्थान से आदिवासी समाज के लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा और वाद्य यंत्रों के साथ जुटेंगे। महारैली के संयोजक नारायण लाल गमेती ने रैली की तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि 18 जून की सुबह से पूरे राजस्थान से आदिवासी समुदाय के सदस्य पहुंचना शुरू हो जाएंगे। वे अलग-अलग दिशाओं से रैली के रूप में गांधी मैदान पहुंचेंगे। शाम 4 बजे से गांधी मैदान में आदिवासी संस्कृति के विभिन्न रंगों को दर्शाने वाली प्रस्तुतियों का दौर होगा। इसके बाद विशाल जनसभा होगी। आदिवासी संस्कृति से जगमगाएंगे चौराहा : 18 जून को होने वाली डी-लिस्टिंग महारैली में प्रदेश भर से आदिवासी भाई आ रहे हैं। शहर में एंट्री प्वाइंट्स पर पार्किंग से लेकर जलपान तक की व्यवस्था की जाएगी। विभिन्न दिशाओं से प्रवेश करने वाले आदिवासी समुदाय के लोग शहर में पांच स्थानों पर एकत्रित होंगे और वहां से ढोल-मंजीरे, थाली-मंडल आदि पारंपरिक वाद्यों के साथ नाचते-गाते रैली के रूप में रैली निकालेंगे। शुरुआत एमबी ग्राउंड, आरसीए, महाकाल मंदिर, फील्ड क्लब और नगर निगम से होगी। रैलियों की शुरुआत संतों के नेतृत्व में श्रीफल शगुन वंदन से होगी। रैली के मार्गों को भी झंडों से सजाया जाएगा। जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत भी किया जाएगा। उदयपुर शहर के चौराहों पर साज-सज्जा की भी तैयारी की जा रही है. चौराहों को आदिवासी संस्कृति के अनुरूप सजाने की योजना बनाई गई है। इसकी जिम्मेदारी शहर के विभिन्न संगठन उठा रहे हैं। बैठक का संचालन जिला प्रवासी सुखलाल नीनामा ने आभार हीरालाल मीणा ने व्यक्त किया।
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