दौसा। दौसा बांदीकुई समेत आसपास के क्षेत्र में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। सुबह से ही गुरुधामों में भक्त पहुंचना शुरू हो गए और पूजा अर्चना की। शहर के हड़ियां खड़ी आश्रम में सुबह से ही पूजा-अर्चना शुरू हो गई। इस दौरान चरण पादुकाओं की भक्तों ने पूजा की। इस दौरान भगवान का अभिषेक भी किया गया। फूल बंगला झांकी भी सजाई गई। इसी प्रकार खटीक समाज के आराध्य देव संत दुर्बल नाथ आश्रम में भी गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया।
शहर में राडी के बालाजी मंदिर परिसर में चल रहे गुरु पूर्णिमा महोत्सव के अंतिम दिन विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम हुए। महावीर सेवादल के तत्वावधान में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दोपहर एक बजे छप्पन भोग की झांकी सजा गई, जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इसके बाद महा आरती का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि मुख्य न्यायाधीश राघव द्वारा महाआरती सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ महाआरती की गई। इसके बाद भंडारा प्रारंभ किया गया। देर रात तक चले भंडारे में करीब 25 हजार श्रद्धालु प्रसादी ग्रहण की। सेवादल के अध्यक्ष संजय जैन ताऊ ने बताया कि गुरु पूर्णिमा महोत्सव का समापन किया गया। अंतिम सुबह 9 बजे से ही श्री राडी के बालाजी की प्रतिमा पर दुग्धाभिषेक कर विशेष शृंगार किया गया। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ राधा कृष्ण एवं गणेश की प्रतिमा का पूजन हुआ। मंदिर परिसर में हरे राम हरे कृष्णा के जाप पूरे सावन मास में होंगे। उन्होंने बताया कि 27 जुलाई से बालाजी का दुग्धाभिषेक प्रातः 10 बजे से प्रारंभ हुआ था और अंतिम दिन को समापन हुआ।
यहां बांदीकुई के अलावा जयपुर, दिल्ली, अलवर, अजमेर सहित अन्य संख्या से श्रद्धालु पहुंचे। इस दौरान गुरु चरणों की पूजा की गई। संत दुर्बल नाथ महाराज की झांकी भी सजाई गई। शहर के पास स्थित धार्मिक स्थल लीलोज के बालाजी पर भी भजन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यहां पदयात्रा के रूप में श्रद्धालु पहुंचे। भक्ति आश्रम गोपाल बगीची पर भी श्रद्धालुओं ने गुरु पूर्णिमा पर मनाया। महंत दयाल दास महाराज की पूजा अर्चना की। इस दौरान भंडारे का आयोजन हुआ। लोगों ने पंगत में बैठकर प्रसादी ग्रहण की।