माननीय मुख्य न्यायाधिपति ने आरएसएलएसए(रालसा) एट ए ग्लांस पुस्तक का किया विमोचन दो जनकल्याणकारी योजना
राजस्थान उच्च न्यायालय मुख्य पीठ में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधिपति तथा मुख्य संरक्षक रालसा श्री ऑगिस्टिन जार्ज मसीह की अध्यक्षता व राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति तथा कार्यकारी अध्यक्ष रालसा श्री मनेंद्र मोहन श्रीवास्तव की वर्चुअल माध्यम से गरिमामयी उपस्थिति में रालसा की उपलब्धियां एवं गतिविधियों को समाहित करते हुए तैयार की गयी पुस्तक ‘आरएसएलएसए एट ए ग्लांस’ का विमोचन एवं दो जनकल्याणकारी स्कीम विशेष योग्यजनों के हितार्थ उनके पहचान पत्र सुनिश्चित करने एवं विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं यथा कृत्रिम अंग एवं अन्य लाभ उपलब्ध कराने के लिए योजना व आदर्श विधिक सेवा केन्द्र योजना का लॉन्च कार्यक्रम राजस्थान उच्च न्यायालय परिसर में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में रालसा सदस्य सचिव श्री प्रमिल कुमार माथुर ने न्यायाधिपतिगण तथा अन्य सभी प्रबुद्ध जनों का कार्यक्रम में स्वागत किया गया।
राजस्थान उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, रालसा माननीय न्यायाधिपति श्री मनेंद्र मोहन श्रीवास्तव बताया कि आरएसएलएसए एट ए ग्लांस’ पुस्तक का विमोचन, दिव्यांग व्यक्तियों को यू.डी.आई.डी. सर्टिफिकेट व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए योजना तथा प्रत्येक संभाग में दूरस्थ तालुका विधिक सेवा समिति में आदर्श विधिक सेवा केन्द्र की योजना का शुभारंभ किया जा रहा है विशेष योग्यजन के चिन्हीकरण की दिशा में प्रारंभ की गयी योजना से प्रत्येक विशेष योग्यजन को दिव्यांगता प्रमाण-पत्र अर्थात् यू.डी.आई.डी. प्राप्त हो सकेगा और यू.डी. आई.डी. के अभाव में कोई व्यक्ति राज्य की कल्याणकारी योजनाओं या कृत्रिम अंग प्राप्त करने से वंचित नहीं रहेगा। उन्होंने बताया कि रालसा द्वारा चिन्हित की गयी आदर्श तालुकाओं में विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर आमजन को न केवल कानून के प्रति जागरूक किया जाएगा बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए उनका लाभ दिलाया जाना भी सुनिश्चित किया जाएगा।
माननीय मुख्य न्यायाधिपति श्री ऑगिस्टिन जार्ज मसीह ने अपने उद्बोधन में हर्ष व्यक्त करते हुए यह बताया गया कि रालसा एट ए ग्लांस पुस्तक रालसा की सराहनीय उपलब्धियों और वंचित वर्गों को कानूनी सहायता प्रदान करने के प्रति रालसा की अटूट प्रतिबद्धता की झलक पेश करती है। माननीय मुख्य न्यायाधिपति द्वारा भारत की दिव्यांग आबादी के विकास पर जोर देते हुए यह बताया गया कि विशिष्ट योग्यजनों की पहचान करने और उन्हें यू.डी.आई.डी. प्रदान करने की योजना निश्चित रूप से एक प्रगतिशील कदम है जिससे विशिष्ट योग्यजनों को समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जाकर समान अधिकार व अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
माननीय मुख्य न्यायाधिपति श्री मसीह ने रालसा के द्वारा शुरू किए गए आदर्श विधिक सेवा केन्द्र योजना को आशा की किरण बताते हुए इन केन्द्रों को जरूरतमंद लोगों को उनकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति की परवाह किए बगैर विधिक सहायता उपलब्ध कराएगे जिससे वे कानूनी परिदृश्य से निपटने के लिए सशक्त हो सकेंगे। माननीय द्वारा सभी को ऐसे ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद देते हुए न्यायपूर्ण समाज के निर्माण के लिए दृढसंकल्प होकर आगे बढ़ने को कहा गया।
कार्यक्रम के अंत में रालसा निर्देशक श्री संजय कुमार द्वारा माननीय न्यायाधिपतिगण तथा सभी प्रबुद्ध जनों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
कार्यक्रम में राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर व जयपुर में पदस्थापित रजिस्ट्रार व राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायिक अधिकारीगण व कर्मचारीगण सम्मिलित हुए।