जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने बीती बीस फरवरी से प्रदेश में वकीलों के प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर किए जा रहे न्यायिक बहिष्कार को लेकर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जोधपुर और जयपुर सहित अन्य बार एसोसिएशन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अदालत ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से 21 मार्च तक जवाब देने को कहा है कि उनकी ओर से न्यायिक बहिष्कार क्यों किया गया है।
एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विजय बिश्नोई की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए। वहीं दूसरी ओर वकीलों के 13 मार्च को प्रस्तावित विधानसभा के घेराव को लेकर बार संघों ने सफल घेराव की रणनीति बनाई। दी बार एसोसिएशन की ओर से पीले चावल बांटकर वकीलों को विधानसभा घेराव के लिए आमंत्रित किया गया। इस दौरान जयपुर मेट्रो, जयपुर जिला, रेवेन्यू कोर्ट, जेडीए ट्रिब्यूनल व अन्य कोर्ट में वकीलों ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया और अपना आंदोलन जारी रखा। राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रहलाद शर्मा का कहना है कि वकीलों की सुरक्षा का मामला कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया था। ऐसे में सरकार को इसे लागू करना चाहिए।