कोटा में कम उम्र में बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के केस

Update: 2023-07-07 13:17 GMT

कोटा: कोटा के निजी अस्पताल में गुरुवार काे 21 साल के मोहम्मद साहिल की एंजियाेप्लास्टी की गई। उसे तीन दिन पहले हार्ट अटैक आया था। ऑक्सीजन और वेंटीलेटर पर लेना पड़ा। युवाओं में हार्ट अटैक के ऐसे मामले अब नए नहीं रहे। डाॅक्टर खुद इस स्थिति काे चिंताजनक मानते हैं। निजी हार्ट हाॅस्पिटल के इंटरवेंशन कार्डियाेलाॅजिस्ट डाॅ. निशांत सक्सेना ने बताया कि साहिल काे तीन दिन पहले परिजन हाॅस्पिटल में लाए, जहां हार्ट की सबसे लंबी रक्त वाहिका एलएडी में 100 प्रतिशत ब्लाॅकेज का पता चला। उसे ऑक्सीजन व फिर वेंटीलेटर पर लिया। शुक्रवार काे एंजियाेप्लास्टी करके रक्त वाहिका साफ की व स्टेंट डाला।

परिवार में ऐसी हिस्ट्री भी नहीं

डाॅ. निशांत ने बताया कि इस मरीज में या परिवार में किसी में हिस्ट्री नहीं मिली। वह कभी-कभी स्माेकिंग करता है। कारण स्माेकिंग भी मान सकते हैं, लेकिन एकमात्र इसी वजह से ऐसा हुआ हाे, यह नहीं कह सकते। इसके एलएडी रक्त वाहिका की शुरुआत में ही ब्लॉकेज था। हार्ट की पंपिंग 35% थी, जो सामान्यत: 70% होती है। मरीज चिरंजीवी योजना का लाभार्थी है, इसलिए इलाज कैशलेस किया गया है। पहले बरसाें में एक, अब तो हर माह ऐसे प्रोसिजर कर रहे कार्डियाेलाॅजिस्ट डाॅ. साकेत गाेयल ने बताया कि अब हर सप्ताह हमारे पास हार्ट अटैक के एक-दो मरीज आते हैं। इनकी उम्र 30 साल से कम होती है। पहले 25 साल से कम उम्र के युवा की साल-दाे साल में एंजियोप्लेस्टी करते थे। अब हर महीने ऐसी स्थिति है। इसके कारणाें पर गहन स्टडी की जरूरत है। पहले लोग अधिक पैदल चलते थे। कम से कम 40 साल की उम्र तक कठिन शारीरिक गतिविधि करते ही थे। नई पीढ़ी में शारीरिक गतिविधियां बंद हो गईं।

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