जैसलमेर। जैसलमेर केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस से दो लोगों की मौत के बाद केन्द्र सरकार के निर्देश पर राज्य के चिकित्सा विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। जिसके तहत सभी जिलों के सीएमएचओ को बीमारी को फैलने से रोकने के लिए इंतजाम के निर्देश दिए हैं। केरल से आने वाले लोगों में बुखार, मानसिक स्थिति में बदलाव, कमजोरी, सिरदर्द, सांस की तकलीफ, खांसी, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द, एंठन और दस्त सहित अन्य लक्षणों वाले लोगों पर विशेष नजर रखने के निर्देश दिए हैं। निपाह वाइरस एक जुनोटिक वाइरस है, लेकिन ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में दूषित भोजन से भी फैल सकता है।
डॉक्टरों के अनुसार निपाह वाइरस के शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे ही होते हैं। संक्रमण के 14 दिनों के भीतर इसके लक्षण दिखने लग जाते हैं। शुरुआत के दिनों में तेज बुखार और सिरदर्द के साथ फ्लू जैसे सामान्य लक्षण दिखते हैं। समय के साथ इसके लक्षणों के गंभीर रूप लेने का खतरा बढ़ता जाता है। बुखार, सिरदर्द के साथ सांस लेने में कठिनाई भी बढ़ जाती है। समय के साथ इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं, जिसमें ब्रेन इन्फेक्शन या इंसेफलाइटिस होने का ख़तरा बढ़ सकता है। यह वाइरस चमगादड़ से फैलता है। जैसलमेर में हर साल लाखों सैलानी आते हैं, जिनमें देसी विदेशी दोनों ही शामिल है। जैसलमेर में कोरोना का पहला मरीज भी केरल से आया एक अंग्रेज़ था। इसलिए शहर में हर आने वाले सैलानी पर नजर रखनी होगी। सीएमएचओ डॉ बीएल बुनकर ने बताया कि होटल और रिसोर्ट वालों को भी निर्देश दिए जाएंगे कि अगर इन लक्षणों वाला कोई भी सैलानी नजर आए तो तुरंत हेल्थ डिपार्टमेंट को जानकारी दें। साथ ही केरल से आने वाले सैलानियों पर खास नजर रखने के भी निर्देश दिए जाएंगे। ताकि जैसलमेर में निपाह वाइरस अगर आए टी समय रहते उसके संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।