अजमेर: अजमेर के वैशाली नगर स्थित गुर्जर समाज के आराध्य देव नारायण भगवान के मंदिर की चारदीवारी तोड़ने पर विवाद हो गया है। सोमवार देर रात अचानक हुई इस कार्रवाई से समाज में नाराजगी है। प्रशासन की कार्रवाई की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में जिले भर से समाज के सैकड़ों लोग मंदिर के बाहर जमा हो गए। भीड़ ने रोड जाम करने का भी प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने समझाइश कर रास्ता खुलवा दिया। लोगों का आरोप है कि गुर्जरों की भावनाएं आहत करने के लिए ऐसा किया गया है।
दरअसल, मंगलवार सुबह 10 बजे मंदिर परिसर में समाज के पदाधिकारी व लोग बैठक आयोजित कर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान करीब 11.30 बजे बैठक के बीच समाज के युवा आक्रोशित होकर सड़कों पर उतर गए। वाहनों को रोककर रास्ता जाम कर दिया। इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस ने वाहनों का रूट चेंज करवाया गया। सड़क पर उतरे गुर्जर समाज के लोगों ने एक वाहन चालक की गाड़ी में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इससे कार के पीछे वाले कांच टूट गए। बाद में समाज के पदाधिकारियों ने युवाओं को समझाइश कर शांत करवाया। वहीं पुलिस की ओर से भीड़ को बढ़ता देख मंदिर के दोनों तरफ वाहनों की आवाजाही को बंद कर दी है।जानकारी के अनुसार जिस मंदिर की चारदीवारी तोड़ी गई है वह करीब 200 साल पुराना है। देर रात करीब 11.30 बजे हुई इस कार्रवाई की सूचना जैसे ही फैली भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश बढ़ाना व गुर्जर नेता धर्मा गुर्जर सहित समाज के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे। मामले में सतीश पूनिया ने ट्वीट किया- आखिर कितनी बार जनआस्था पर हमला होगा? कितनी बार हिंदुओं के मंदिरों को तोड़ा जाएगा? गहलोत सरकार कान खोल कर सुन ले कि ये युग न बाबर का है न औरंगजेब का। यदि तुरंत भगवान देवनारायण के मंदिर को पहुंची क्षति का समाधान न हुआ तो सरकार को बहुत भारी पड़ेगा।
भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश बढ़ाना ने कहा की एडीएन ने गुर्जर समाज की भावनाओं को आहत करने का काम किया है। 200 साल पुराना हमारा मंदिर है, रोज यहां पूजा होती है और मंदिर की चारदीवारी बनाने से पहले जिला प्रशासन से अनुमति ली गई थी इसके बाद ही निर्माण करवाया गया। देर रात जिस किसी भी अधिकारी के निर्देश पर दीवारें तोड़ी गई है उनकी मंशा समाज की भावनाओं को आहत करना है।
मंगलवार को गुर्जर समाज के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर अंशदीप से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिध मंडल और प्रशासन के बीच तीन मांगों पर सहमति बनी है। गुर्जर समाज की पहली मांग थी कि तोड़ी गई मंदिर की दीवार को फिर से बनवाया जाए, दूसरी मांग थी कि दीवार तोड़ने की कार्रवाई की जांच को लेकर कमेटी बनाई जाए, वहीं तीसरी मांग थी कि देर रात समाज की बेटी के साथ पुलिसकर्मी द्वारा की गई अभद्रता की जांच की जाए। प्रशासन ने समाज की तीनों मांगें मान ली हैं। हालांकि समाज के लोगों ने अब तक धरना खत्म नहीं किया है। उनका कहना है कि जब जैसे ही प्रशासन दीवार बनवाने का काम शुरू कराता है धरना खत्म कर दिया जाएगा।
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