राजसमंद। महावीर जयंती पर आज आमेट अनुमंडल में भव्य शोभायात्रा निकाली गई. इस साल महावीर स्वामी का 2622वां जन्मदिन मनाया गया। शोभायात्रा में बच्चे और युवा घोड़ों पर जैन धर्म का ध्वज लेकर चल रहे थे। बैंड बाजे ढोल के साथ शोभायात्रा में भगवान महावीर के जीवन से जुड़े कार्यक्रम और जैन धर्म पर आधारित झांकियां शामिल थीं। जैन नमो अरिहंताणं, णमोकार मंत्र है प्यारा जैसे भजन गाते हुए चल रहे थे। भगवान महावीर के जन्म कल्याण पर्व पर शोभा यात्रा आज रेलवे स्टेशन से शुरू हुई, जो सब्जी मंडी, स्टेट बैंक, सब्जी मंडी, गांधी चबूतरा, जवाहर नगर होते हुए तेरापंथ सभा भवन पहुंची और वापस बस स्टैंड लक्ष्मी बाजार होली थान बड़ी पोल राम से लौटी। जहां जैन समाज के संतों ने व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम के अंत में समाज की ओर से सामूहिक भोज का आयोजन किया गया। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती मनाई जाती है। जैन धर्म के अनुयायी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती महावीर जयंती मनाते हैं। भगवान महावीर स्वामी का जन्म 599 ईसा पूर्व बिहार के कुंडलपुर के राजघराने में हुआ था। उनकी माता का नाम त्रिशला और पिता का नाम सिद्धार्थ था। भगवान महावीर के बचपन का नाम वर्धमान था। राजपरिवार में पले-बढ़े वर्धमान ने 30 वर्ष की आयु में घर त्याग दिया और 12 वर्ष तक घोर तपस्या कर कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया और तीर्थंकर कहलाए। भगवान महावीर ने दिगंबर रूप स्वीकार किया और नग्न रहकर मौन साधना की। जैन धर्म को मानने वाले हर साल महावीर जयंती को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।