देवनारायण जयंती के उपलक्ष में धूमधाम से पहली बार निकाली गई भव्य शोभायात्रा
चित्तौरगढ़। गुर्जर समाज के देवता भगवान देवनारायण की 1111वीं जयंती शनिवार को है। इसको लेकर शुक्रवार को कलश व देव ध्वजा जुलूस निकाला गया। चित्तौड़गढ़ में पहली बार गुर्जर समाज ने इतना बड़ा जुलूस निकाला। बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। शोभायात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए देवनारायण मंदिर पहुंची, जहां धर्म सभा का आयोजन किया गया। शोभायात्रा में सभी लोग पारंपरिक परिधानों में शामिल हुए। इस दौरान ऊंट, घोड़े, हाथी आगे चल रहे थे। भगवान देवनारायण प्रांगण में विराजमान थे। पंजाब का मूषक बैंड यहां आकर्षण का केंद्र रहा।
शोभायात्रा गोरा बादल स्टेडियम से शुरू होकर सुभाष चौक, पुरानी पुलिया, समाहरणालय चौराहा, प्रताप नगर, कुंभ नगर होते हुए सेंथी स्थित देवनारायण मंदिर पर समाप्त हुई. सभी पुरुष सफेद धोती कुर्ता पहनकर माथे पर पगड़ी बांधे यहां आए थे। महिलाएं भी लहंगा चोली में नजर आईं। महिलाएं कलश ले जा रही थीं। इसके पीछे ध्वजाधारी पुरुष भगवान देवनारायण की स्तुति कर रहे थे। जुलूस में आगे ऊंट और हाथी चल रहे थे। पुरुष भी जीवंत झांकी के साथ महिलाओं के पीछे चल रहे थे। इस दौरान युवक बैंड बाजे के साथ नाचते-गाते नजर आए। इस दौरान 11 झांकियां भी शामिल रहीं जिनमें विभिन्न देवी-देवताओं की झांकियां सजाई गईं। इस दौरान राष्ट्रीय एकता नजर आई।