राज्यपाल ने राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा में निर्मित संविधान उद्यान का किया लोकार्पण
जयपुर । राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि भारतीय संविधान विश्वभर के लोकतंत्रों की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या है। उन्होंने कहा कि संविधान देश को शासित करने से जुड़ा विधान ग्रंथ ही नही है बल्कि यह भारतीय संस्कृति और उदात्त जीवन मूल्यों का प्रतिबिम्ब है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क निर्माण इसलिए करवाए गए हैं कि युवा पीढ़ी संविधान की हमारी संस्कृति के प्रति सजग रहें।
श्री मिश्र सोमवार को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा में निर्मित संविधान उद्यान के लोकापर्ण कार्यक्रम को राजभवन से ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के भावी नागरिकों में बंधुता, स्वाभिमान और राष्ट्र की एकता से जुड़ा हमारा संविधान राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन का भी संवाहक है। उन्होंने संविधान की मूल प्रति पर उकेरे चित्रों की चर्चा करते हुए कहा कि इनके जरिए भारतीय इतिहास की विकास यात्रा के साथ सर्वधर्म समभाव की हमारी संस्कृति को हम जान और समझ सकते हैं।
राज्यपाल ने राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा में 65 हजार स्क्वायर फीट क्षेत्र में निर्मित हुए संविधान उद्यान की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति से जुड़ा जो दर्शन है, हमारी जो उदात्त जीवन परम्पराएं हैं-संविधान उसे व्याख्यायित करता है। उन्होंने भारत को ज्ञान और दर्शन की महान परम्पराओं से जुड़ा राष्ट्र बताते हुए कहा कि सारे विश्व को ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के सूत्र के साथ अपना परिवार मानने का संदेश हमारी संस्कृति देती है और संविधान इस उदात्त विचार का लिखित रूप है।
इससे पहले राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति प्रो. एस.के. सिंह ने बताया कि राजस्थान में तकनीकी विश्वविद्यालय में बनने वाला यह पहला संविधान उद्यान है। उन्होंने संविधान उद्यान में 75 फीट ऊँचा संविधान स्तंभ बनाया गया है। उन्होंने संविधान उद्यान के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इससे युवा पीढ़ी अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहेगी।
आरम्भ में राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने संविधान उद्यान का वर्चुअल लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर है। इससे नई पीढ़ी संविधान की संस्कृति से सदा जुड़ी रहेगी।