सरकार का बड़ा कदम, महात्मा गांधी स्कूलों में खिलेंगी अब बाल वाटिकाएं

Update: 2022-12-02 13:19 GMT

कोटा न्यूज़: सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। बुनियादी शिक्षा से ही नींव मजबूत करने में जुटी है। प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों को विकसित करने के लिए नए-नए नवाचार किए जा रहे हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ बच्चों का सवार्गीण विकास के लिए प्रदेशभर में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले गए। इसी दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए सरकार ने अब सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू कर दी है। प्राइवेट स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में भी बच्चे नर्सरी से यूकेजी तक पढ़ाई करेंगे। दरअसल, सरकार ने छोटे बच्चों को रोचक तरीके से शिक्षा से जोड़ने और उनकी मानसिक तथा बौद्धिक क्षमता विकसित करने के लिए प्रदेश के 925 माहात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू की है। सरकार ने इन्हें बाल वाटिका नाम दिया है। कोटा जिले में कुल 27 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल हैं, जिनमें से 19 में बाल वाटिका शुरू की गई है। इसमें 3 या इससे अधिक उम्र के बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा। यहां बच्चे प्राइवेट स्कूल की तरह नर्सरी से यूकेजी तक फिर कक्षा 1 से 12वीं तक की मुफ्त में पढ़ाई करेंगे। बाल वाटिका में हर वो सुविधाएं उपलब्ध होगी जो कॉन्वेंट स्कूलों में मिलती है। सरकार के इस प्रयास से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को संबल मिलेगा।

6 जनवरी से शुरू होंगी क्लासें: बाल वाटिका में एडमिशन के लिए शेड्यूल जारी करने के साथ ही 6 जनवरी 2023 से क्लासेज शुरू करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि शिक्षा सत्र का अधिकांश हिस्सा बीत चुका है और स्कूल्स में फिलहाल एडमिशन का समय नहीं है। विभागीय अधिकारियों की ओर से उम्मीद जताई जा रही है कि बीच सत्र में भी बड़ी संख्या में सरकारी महात्मा गांधी स्कूल में प्री-प्राइमरी के एडमिशन होंगे। एडमिशन फॉर्म संबंधित स्कूलों से प्राप्त कर सकते हैं।

आज से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया: महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल मल्टीपरपज के प्रिंसिपल राहुल शर्मा ने बताया कि कोटा शहर के 19 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में बाल वाटिकाएं शुरू होंगी। विभाग की ओर से जारी शिड्यूल के अनुसार गुरूवार से एडमिशन के लिए विज्ञप्ति जारी की गई है। इसके साथ ही 2 दिसंबर से 15 दिसंबर तक आवेदन लिए जाएंगे। प्रवेश के लिए मिले आवेदनों की लिस्ट 16 दिसंबर को स्कूल में नोटिस बोर्ड पर प्रकाशित की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक क्लास में 25 स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाएगा। इससे अधिक आवेदन होने पर 21 दिसंबर को लॉटरी निकाली जाएगी। 22 दिसंबर को लॉटरी से चयनित स्टूडेंट्स की लिस्ट नोटिस बोर्ड पर प्रकाशित होगी। इसके साथ ही एडमिशन की कागजी कार्रवाई 23 दिसंबर से शुरू हो जाएगी। क्लासेज 6 जनवरी से शुरू होगी।

सीसीई पैटर्न पर होगा मूल्यांकन: पूर्व प्राथमिक बाल वाटिका कक्षाओं के लिए पाठ्यचर्या व पाठ्यपुस्तकें राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर द्वारा तैयार की गई है। यह किताबें राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल जयपुर द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी। आकलन सतत और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई ) पद्धति के अनुसार किया जाएगा। इसमें बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, दिन-प्रतिदिन के अनुभव, कला कार्य, भागीदारी एवं व्यवहार को शामिल किया जाएगा।

क्या है बाल वाटिका: बाल वाटिका योजना के तहत प्राइमरी क्लास से पहले बाल विकास के लिए नींव मजबूत करने का कार्य किया जाता है। जिसमें तरह तरह के खेलों के माध्यम से बच्चों को पढ़ने, लिखने तथा संख्याओं को समझने की शिक्षा दी जाती है। साथ ही उनके दिमाग की उत्तेजना को भी विकसित किया जाता है, जिससे बच्चों में और भी क्रिएटिविटी आए और शिक्षा ग्रहण करने के लिए अच्छे से तैयार हो सके। यानी, नींव मजबूत करना ही बाल वाटिका का उददेशय है।

सप्ताह में 5 दिन लगेगी स्कूल: बाल वाटिका प्री प्राइमरी क्लासेज सिर्फ चार घंटे संचालित होंगी। इसके लिए सर्दी में 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक सुबह 10 बजे से 2 बजे तक स्कूल का संचालन होगा। वहीं, 1 अप्रेल से 30 सितंबर तक सुबह 8 बजे से 12 बजे तक स्कूल चलेंगे। सप्ताह में पांच दिन क्लासेज चलेंगी और शनिवार व रविवार अवकाश रहेगा।

बाल वाटिका के कार्य: बाल वाटिका का प्रमुख कार्य बच्चों को प्राइमरी क्लास से पहले उनके प्रारंभिक वर्षों में उचित देखभाल और मस्तिष्क की उत्तेजना बढ़ाने में मदद करना है। जिससे जब बच्चें प्राइमरी क्लास में अपना दाखिला कराए तो उन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े और वह स्कूलों के वातावरण में अच्छे से अपने आप को ढाल सके। विभिन्न खेलों के माध्यम से बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान दिया जाता है। साथ ही पढ़ने, लिखने तथा संख्याओं की सही समझ के बारे में सिखाया जाता है। हालांकि बच्चे इसको अच्छे से सीखते भी हैं क्योंकि यह सभी एक खेल की तरह आयोजित किया जाता है।

यह होगा लाभ: बाल वाटिका से शिक्षा के आधार पर बच्चों को कई फायदे होंगे। यहां दाखिल होने से बच्चों में सकारात्मक सुधार देखने को मिलेगा। जैसे की उन्हें सीधे प्राइमरी क्लास में डालने से उनका जो माइंडसेट है, वो अभी घर में खेलने वाला ही होता है। ऐसे में कुछ बच्चे शुरू के प्राइमरी क्लास के 1-2 साल तो कुछ समझ ही नहीं पाते और समय भी बीत जाता है। ऐसे में इन बच्चो का मस्तिष्क भी सही से विकसित नहीं हो पाता। प्री-प्राइमरी में आने से बच्चे प्राइमरी कक्षाओं में अच्छे से शिक्षा ग्रहण कर पाने के लिए पूरी तरह से तैयार रहेंगे।

मुख्यमंत्री की फ्लेगशिप योजना के तहत महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में बाल वाटिकाएं शुरू की गई है। जिले में 27 माहात्मा गांधी स्कूल है, जिनमें से 19 में बाल वाटिका शुरू की गई है। जिसका उद्देश्य प्राइवेट स्कूल की पूर्व प्राथमिक कक्षाओं के विकल्प के रूप में राजकीय विद्यालयों में भी अंगे्रजी माध्यम से प्री-प्राथमिक कक्षाएं प्रारंभ की जा रही है। वहीं, वाटिकाओं में शिक्षक भी लगा दिए गए हैं। सरकार के इस प्रयास से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को संबल मिलेगा।

- राजेश मीणा, अतिरिक्त जिला शिक्षाधिकारी कोटा

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