सरकारी सुविधा चौड़ी हो रही, रोडवेज सिकुड़ी

Update: 2023-05-31 12:34 GMT

कोटा: राज्य सरकार द्वारा एक तरफ तो यात्रियों को रोडवेज बसों में सुविधाएं दे रही है। वहीं दूसरी तरफ बसों की संख्या लगातार कम होने से सुविधाओं का लाभ लेने वाले भी कम हो रहे हैं। रोडवज के कोटा आगार में ही बसों के शिड्यूल लगातार कम हो रहे हैं। नयापुरा स्थित रोडवेज का केन्द्रीय बस स्टैंड पुराना व छोटा होने से संजय नगर में नया बस स्टैंड बनाया गया है। यह नयापुरा से काफी बड़ा है। यहां अधिक बसों के खड़े होने की जगह है। साथ ही यहां वर्कशॉप भी बस स्टैंड परिसर में ही बनाया गया है। इस बस स्टैंड को बनाने का मकसद था कि यहां से यात्रियों को सुविधा अधिक दी जा सकेगी। लेकिन स्थिति विपरीेत हो रही है। यहां बसें कम आने से लोगों को सुविधा तो कम मिल रही है। साथ ही बसों की संख्या भी कम होने से यात्री कम सफर कर पा रहे हैं।

हाल ही में राज्य सरकार ने महिलाओं को सभी श्रेणी की रोडवेज बसों के किराए में 50 फीसदी की छूट का प्रावधान किया है। इस छूट का लाभ लेने के लिए अब महिलाएं पहले से अधिक रोडवेज बसों में यात्रा कर सकेंगी। विशेष रूप से सरकारी नौकरी में कोटा से आस-पास के शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में जाने वाली महिला कर्मचारी व शिक्षिकाओं को अधिक लाभ होगा। लेकिन हालत यह है कि कोटा आगार से बसों की संख्या पहले से काफी कम हो गई है। रोडवेज से प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले कोटा से बसों के 120 शिड्यूल चलते थे। जिनमें लम्बे मार्ग से लेकर छोटे मार्ग तक शामिल थे। कुछ समय पहले यह संख्या घटकर 100 से कम रह गई। वहीं कोरोना काल से पहले यह संख्या 81 रह गई थी जो कोरोना काल के बाद और घट गई। वर्तमान में कोटा आगार से बसों के मात्र 70 शिड्यूल भी नहीं चल रहे हैं। उनमें भी ग्रामीण क्षेत्रों में रोडवेज बसों का संचालन पूरी तरह से बंद है। उन मार्गों पर सिर्फ प्राइवेट बसों का ही संचालन हो रहा है। हालत यह है कि रोडवेज के संजय नगर स्थित बस स्टैंड पर गर्मी के सीजन में भी बस स्टैंड खाली-खाली नजर आ रहा है। वहां गिनती की बसों का आवागमन हो रहा है।

सुविधा दी है तो बसें भी बढ़ानी होगी

विज्ञान नगर निवासी शिक्षिका सायरा बानो का कहना है कि उन्हें सुल्तानपुर जाना होता है। रोडवेज बस समय पर नहीं मिलने से कभी जीप तो कभी अन्य साधन का उपयोग करना पड़ रहा है। सरकार ने महिलाओं को किराए में 50 फीसदी की छूट दी है यह अच्छा प्रयास है। लेकिन बसों की संख्या बढ़ानी होगी। साथ ही बसों को नए बस स्टैंड तक भी लाना होगा।

रोडवेज कोटा आगार बस स्टैंड पर दुकानें तक खाली

वेंडर वंदना जादोन का कहना है कि नए बस स्टैंड पर यात्रियों की सुविधा के लिए करीब एक दर्जन से अधिक दुकानें तो बना दी हैं। लेकिन उनमें से मात्र एक दो दुकानें ही चल रही हैं। जबकि अधिकतर दुकानें खाली पड़ी हैं। इसका कारण यहां पूृरी बसें ही नहीं आ रही हैं। जब बसें ही नहीं आ रही तो यात्री कहां से आएंगे। ऐसे में दुकानदारों की कमाई नहीं होने से वे दुकाने ही नहीं ले पा रहे हैं। जिससे ये खाली पड़ी हैं।

नए बस स्टैंड तक नहीं आ रही सभी बसें

लोगों का कहना है कि नए बस स्टैंड पर अधिकतर बसें आती ही नहीं हैं। बाहर से आने वाली ’यादातर बसें नयापुरा स्थित बस स्टैंड पर ही जाती हैं। नए कोटा में आने वाले लोगों को भी नयापुरा में उतारा जा रहा है। जबकि बसों को नए बस स्टैंड तक आने का प्रावधान है। ऐसे में रोडवेज की जगह निजी बस व अन्य साधन का उपयोग करना पड़ रहा है।

कोटा आगार से बसों का शिड्यूल पहले से कम हुआ है। पहले 81 शिड्यूल चल रहे थे। वर्तमान में यह 71 रह गया है। कई लम्बे मार्ग तो कई छोटे मार्ग पर बसों को कम किया गया है। जून में नई बसें आने पर शिड्यूृल बढ़ने की संभावना है। सरकार ने महिलाओं को किराए में 50 फीसदी की छूट दी है। इसका मुख्यालय से आदेश व टिकट मशीनों में सॉफटवेयर आने पर ही सुविधा दी जाएगी। बाहर से आने वाली बसों का कोटामें ठहराव समय कम होने से अधिकतर चालक-परिचालकों को खाना खाने तक का समय नहीं बचता। इस कारण से वे नए बस स्टैंड तक बसें नहीं लाकर नयापुरा में ही सवारी उतार रहे हैं। वैसे सभी चालकों को नए बस स्टैंड तक बसें लाने के लिए पाबंद किया हुआ है। दुकानें मॉल संचालक ने बनाई है। इस बारे में तो वही बता सकते हैं। - अजय कुमार मीणा, मुख्य प्रबंधक

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