गुलाबी सुण्डी व चक्रवाती बरसात से खरीफ फसलों में नुकसान के लिए गिरदावरी के निर्देश

Update: 2023-09-25 10:55 GMT
जिले में बी.टी. कपास में गुलाबी सुण्डी का प्रक्रोप होने के कारण व पिछले कई दिनों से चक्रवाती बरसात होने के कारण नरमा, कपास, मूंग व ग्वार की फसल को नुकसान हुआ है। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन के निर्देशानुसार कृषि विभाग द्वारा टीमों के माध्यम से किसानों के खेतों में जाकर सर्वे करने का आदेश दिए गए हैं।
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. जी.आर. मटोरिया ने बताया कि गुलाबी सुण्डी-कृषि विभाग द्वारा कृषि कीट वैज्ञानिक व कृषि अधिकारियों की एक तकनीकी टीम गठित कर किसानों के खेतों में जाकर सर्वे करने व इस वर्ष गुलाबी सुण्डी के प्रक्रोप बढने के कारणों की समीक्षा करने के लिए आदेश जारी किए गए है।
उन्होंने बताया कि जिले में बी.टी. कपास 229094 हैक्टेयर, मूंग 87655 हैक्टेयर व ग्वार 219081 हैक्टेयर में बोई गयी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत.खरीफ फसलों की उपज को हुए नुकसान व वास्तविक उपज का आंकलन करने के लिए 5694 फसल कटाई प्रयोग राजस्व व कृषि विभाग के प्राथमिक कार्यकर्ताओं द्वारा सम्पादित किये जाने हैं। इसके सम्बन्ध में सभी प्राथमिक कार्यकर्ताओं को बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि व किसान की उपस्थिति में ही फसल कटाई प्रयोग सम्पादित करने के सख्त निर्देश पूर्व में जारी किये जा चुके है। अब तक 3760 फसल कटाई प्रयोग प्रपत्र-1 ऑनलाईन किये जा चुके है। इसके साथ-2 फसल कटाई प्रयोग सम्पादित करने का कार्य भी जारी है।
उन्होंने बताया कि स्थानिक आपदा-इसी प्रकार जिन किसानों ने अपने खेत पर काटकर सुखाने के लिए रखी हुई फसल पर बरसात से नुकसान होने की सूचना राष्ट्रीय बीमा पोर्टल/बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर 1800-572-3013/राज किसान सुविधा एप के माध्यम से सूचना दर्ज करवायी हैं, उनके सर्वे का कार्य भी बीमा कम्पनी के सर्वेयर, कृषि पर्यवेक्षक या पटवारी व सम्बन्धित कृषक की उपस्थिति में करवाया जा रहा है। जिले में गत दिवस तक इस प्रकार की 7000 सूचनाएं कृषकों द्वारा दर्ज करवायी गई है, जिनमें से लगभग 407 सूचनाओं के सर्वे का कार्य पूर्ण हो गया है। शेष सर्वे का कार्य अगले सात दिवस में करने के लिए बीमा कम्पनी को निर्देशित किया है।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार स्थानिक आपका व वास्तविक फसल कटाई प्रयोग में भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानुसार कृषकों को क्लेम राशि का भुगतान किया जायेगा। फसलों को हुए नुकसान का वास्तविक आंकलन करने के लिए राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी करवाई जा रही है, जिसका कार्य अगले दस दिनों में पूर्ण होगा। राजस्व विभाग की गिरदावरी में फसल खराबा 33 प्रतिशत से अधिक आने पर सहायता विभाग द्वारा नियमानुसार आपदा प्रबन्धन से आदान सहायता कृषकों को प्रदान की जायेगी।
उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर ने गिरदावरी, फसल कटाई प्रयोग, स्थानिक आपदा सर्वे व कृषि विभाग की टीम द्वारा किये जाने वाले सर्वे कार्य को शीघ्र सम्पन्न करने निर्देश दिए हैं।
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