नई दिल्ली। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दावा किया है कि गंगा सफाई को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले सात-आठ सालों में मिशन मोड में किए गए प्रयासों की वजह से आज गंगा नदी अपने उद्गम स्थल से लेकर समुद्र में मिलने तक शुद्धता के हर पैमाने पर खरी उतरती है।
केंद्रीय मंत्री ने आईएएनएस के साथ खास बातचीत में मोदी सरकार के 9 वर्ष की उपलब्धियों और विपक्षी दलों के मोर्चा बनाने के अभियान सहित अन्य तमाम मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी।
पेश है खास बातचीत के अंश :
सवाल : बतौर केंद्रीय मंत्री आप अपनी सरकार के 9 वर्षो के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या मानते हैं?
जवाब : केंद्र में मोदी सरकार बनने से पहले के वर्षो की बात की जाए तो याद कीजिए कि 2004 से लेकर 2014 तक देश में कैसे हालात बने थे? भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा था। नित-प्रतिदिन एक से बढ़कर एक बड़े घोटाले अखबारों की सुर्खियां बन रहे थे। देश कूटनीतिक, सामरिक और सीमा सुरक्षा सहित हर मोर्चे पर असफल साबित हो रहा था। आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से देश छिन्न-भिन्न हो रहा था और जनता का विश्वास व्यवस्था पर से उठने लगा था। लोगों को लगता था कि बाड़ ही खेत को खाने लगी है। उस माहौल में देश की जनता ने भाजपा और नरेंद्र मोदी पर विश्वास कर पूर्ण बहुमत की ऐतिहासिक सरकार बनाई। देश की जनता ने 30 साल बाद और आजादी के बाद पहली बार किसी गैर कांग्रेसी पार्टी को बहुमत दिया था। अगर एक वाक्य में मुझे यह कहना हो कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है तो मैं यह कहूंगा की व्यवस्था में देश की जनता का जो विश्वास खो रहा था, उस व्यवस्था में जनता के विश्वास को मोदी सरकार ने पुनस्र्थापित किया है।
सवाल : लेकिन सरकार के दावों के विपरीत विपक्षी दल देश से लेकर विदेश तक मोदी सरकार के कामकाज की जमकर आलोचना कर रहे हैं और सरकार पर कई तरह के गंभीर आरोप भी लगा रहे हैं?
जवाब : देखिए, विपक्ष की और विशेष रूप से कांग्रेस की और कांग्रेस में भी सबसे ज्यादा राहुल गांधी की छटपटाहट के मायने को यह देश समझता है। जनता द्वारा सत्ता से बाहर कर दिए जाने और देशभर में कांग्रेस के लगातार सिमटते जाने के कारण वह अभी भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि उनके बिना देश में सरकार चल रही है। पिछले 9 साल के कार्यकाल के दौरान का कोई भी ऐसा कालखंड उठाकर देख लीजिए, जब देश के लिए गर्व करने का अवसर आया, ऐसे हर अवसर पर इन्होंने कहीं ना कहीं विवादास्पद बात कहकर देश को शर्मसार करने की कोशिश की।
सवाल : लेकिन अब विपक्षी दल 2024 को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ साझा मोर्चा बनाने का प्रयास कर रहे हैं?
जवाब : वे पहली बार ऐसा नहीं कर रहे हैं। 2018 में भी उन्होंने राफेल और अन्य विषयों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर कीचड़ उछालने का प्रयास किया था। देश के खिलाफ तक जाकर गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी की थी, लेकिन फिर भी देश की जनता ने 2019 में प्रधानमंत्री मोदी को आशीर्वाद दिया और मुझे पूरा विश्वास है कि 2024 में फिर एक बार और अधिक बहुमत के साथ जनता उन्हें प्रधानमंत्री बनाएगी।
सवाल : और अधिक बहुमत, मतलब कितनी सीटें आ सकती हैं?
जवाब : 2014 की तुलना में 2019 में जितनी सीटें बढ़ी थीं, वर्ष 2024 में उतनी सीटें फिर से बढ़ने जा रही हैं।
सवाल : प्रधानमंत्री मोदी ने एक नया प्रयोग करते हुए कई लक्ष्यों को सामने रखते हुए जल से संबंधित कई मंत्रालयों का विलय कर 'जलशक्ति' मंत्रालय का गठन कर आपको इसका मंत्री बनाया था। उन लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में अब तक कितनी प्रगति हुई है?
जवाब : पानी से जुड़े हर आस्पेक्ट- जमीन का पानी, जमीन के भीतर का पानी, जमीन के भीतर के पानी का पुनर्भरण, नदियों के पानी को स्वच्छ करना, सिंचाई का रकबा बढ़ाना, कैचमेंट तालाबों का संरक्षण, प्रधानमंत्री की प्रेरणा से नए अमृत सरोवर का निर्माण, नहरों के अपग्रेडेशन, बांधों के रख-रखाव और जलशक्ति अभियान के माध्यम से जल चेतना को जन-जन की चेतना बनाने सहित पानी से जुड़े हर विषय पर समग्रता के साथ काम हुआ है। आज भारत पानी के क्षेत्र में न केवल सर्वाधिक निवेश करने वाला देश है, बल्कि हम पीने के पानी को लेकर इतना बड़ा कार्यक्रम लेकर आए हैं। आजादी के बाद पहली बार 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब यह तय किया था, हम अगले 5 साल में देश के प्रत्येक ग्रामीण आवास तक पीने का स्वच्छ पानी समुचित मात्रा में और नियमित रूप से पहुंचाएंगे। उस समय देश में केवल 16 प्रतिशत घरों तक पीने का पानी पहुंचता था। लेकिन कोविड की आपदा और रूस-यूक्रेन जंग से पैदा हुए संकट से उपजी समस्याओं के बावजूद उस समय के तीन करोड़ 23 लाख घरों की तुलना में आज 12 करोड़ से ज्यादा घरों तक पीने का पानी पहुंच रहा है। 2024 तक हर घर तक पीने का पानी पहुंचे, इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में हम ठोस कदम से आगे बढ़ रहे हैं।
सवाल : गंगा नदी की स्वच्छता को लेकर भी सरकार ने कई वायदे किए थे, लेकिन विपक्षी दल नमामि गंगे प्रोजेक्ट को फेल बात रहे हैं?
जवाब : आलोचना के लिए आलोचना करना विपक्षी दलों का काम है, लेकिन जहां तक गंगा नदी की सफाई का प्रश्न है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले सात-आठ सालों में मिशन मोड में किए गए प्रयासों का फल है कि आज गंगा नदी बीओडी और सीओडी सहित सारे पैरामीटर्स पर अपने उद्गम स्थान से लेकर और जहां पर वह समुद्र में जाकर मिल जाती है, वहां तक पूरे मार्ग में सब जगह शुद्धता के पैमाने पर खरी उतरी है। तीस हजार करोड़ रुपये के निवेश के जरिए किए गए समन्वित प्रयासों के कारण गंगा नदी में जलीय जीवों की संख्या भी बढ़ी है, जोकि स्वच्छता का प्रमाण भी है। एक समय पर पूरे गंगा की लंबाई मे डॉल्फिन लुप्त प्राय होने की स्थिति में थी, लेकिन आज सैकड़ों नहीं हजारों की संख्या में डॉल्फिन गंगा नदी में हैं। आज हिल्सा हजारों की संख्या में देखी जा रही है। गंगा में कछुओं की संख्या में भी कई गुना ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। यह सब भी अपने आप में गंगा नदी के स्वच्छ होने का प्रमाण है। कुंभ के पावन अवसर पर 22 करोड़ लोगों ने गंगा की स्वच्छता को देख। संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के 190 देशों में से गंगा स्वच्छता से जुड़े भारत के 'नमामि गंगे' मिशन को रेस्टोरेशन प्रोजेक्ट ऑफ द डिकेड मामले में टॉप 10 देशों में शामिल कर पांचवें पायदान पर रखा है। इससे भी गंगा नदी की शुद्धता का पता चलता है।
--आईएएनएस