दिल्ली: भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले ही कांग्रेस में सियासी हलचल देखने को मिल रही है। एक बार फिर समर्थक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने पर जोर देने लगे हैं। यूथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राकेश मीणा के इस्तीफे के बाद अब गहलोत के मंत्री हेमाराम चौधरी ने सचिन पायलट को जिम्मेदारी देने की मांग उठाई है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को हुए घटनाक्रम के बाद राजस्थान में कांग्रेस कार्यकर्ता और जनता में अनिश्चितता का वातावरण है। सरकार अनिश्चितता से गुजर रही है। कांग्रेस आलाकमान को 25 सितंबर की घटना के जिम्मेदार तीनों नेताओं के खिलाफ जल्द कार्रवाई करनी चाहिए। इस घटना से पार्टी को भारी नुकसान हुआ है। इसके साथ ही हेमाराम चौधरी ने सचिन पायलट की पैरवी की। उन्होंने कहा कि पायलट ने विपक्ष में रहते हुए पार्टी को फिर से जीवित किया। सचिन पायलट की वजह से ही पार्टी सत्ता में आई। उनकी मेहनत को देखते हुए उन्हें जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। अगर एक तरफा चलेंगे तो पार्टी को भारी नुकसान होगा।
इसके साथ ही हेमाराम चौधरी ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि खड़गे के सामने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार किया गया लेकिन अब तक इस पर फैसला नहीं हुआ। माकन ने भी राजस्थान के प्रभार से इस्तीफा भेज दिया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजस्थान में संगठन की क्या स्थिति है। भारत जोड़ो यात्रा में असर नहीं पड़े। इसलिए इस पर निर्णय जल्द से जल्द लेना चाहिए। अगर जल्दी फैसला नहीं किया तो यात्रा पर भी गलत असर होगा। हेमाराम ने कहा कि मैं तो 2013 में भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहता था। अब 2023 के चुनाव में मेरी उम्र हो जाएगी। मुझे राजनीति में 50 साल हो चुके हैं। अब मैं जगह खाली नहीं करूंगा तो युवा को कैसे मौका मिलेगा। मेरी जगह किसी युवा को मौका दिया जाए। मैं मंत्री रहूं या नहीं रहूं, मैं मंत्री पद छोड़ने को तैयार हूं। अगर चुनाव में रिजल्ट नहीं आए तो मेरा मंत्री पद पर रहना ही बेकार है। पार्टी में चल रही अनिश्चतता पर जल्द निर्णय लिया जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा हालत में पार्टी कार्यकर्ता अपने आपको असहज महसूस कर रहा है। मैं खुद भी असहज महसूस कर रहा हूं। बिना समय गंवाए 25 सितंबर की घटना पर फैसला होना चाहिए। नेता अगर पार्टी से पहले खुद का फायदा देखेंगे तो पार्टी नहीं चलेगी। इसके साथ ही उन्होंने धर्मेंद्र राठौड़ को भारत जोड़ो यात्रा की जिम्मेदारी देने पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अनुशासनहीता के आरोपी को यात्रा की जिम्मेदारी देना कहां तक उचित है। पार्टी को आने वाले समय में बहुत नुकसान होगा।