व्यास द्वादशी पर पहली बार 4 को देवस्थान विभाग मनाएगा

Update: 2022-12-02 07:53 GMT

भरतपुर न्यूज: इस बार देवस्थान विभाग की ओर से व्यंजन द्वादशी के अवसर पर भरतपुर के बिहारीजी सहित प्रदेश के पांच मंदिरों में 56 भाग का आयोजन किया जाएगा. चार दिसंबर को व्यंजन द्वादशी मनाई जाएगी। बिहारीजी मंदिर में पुष्प बंगला भी सजाया जाएगा। साथ ही ठाकुरजी के रागबाग में प्रसादी का भोग लगाया जाएगा। मंदिर महंत मनोज भारद्वाज ने बताया कि निम्बार्क संप्रदाय में व्यास द्वादशी का विशेष महत्व है। इस दिन से ही मंदिरों में ठाकुरजी को तरह-तरह के शारदीय पकवानों का भोग लगाने की परंपरा है। इस दिन से ठाकुरजी के खान-पान और पहनावे में परिवर्तन होगा।

गर्भगृह में गर्मी के लिए हीटर और अंगीठी लगाई जाएगी। ठाकुरजी को मफलर, मोजे और दस्ताने पहनाए जाएंगे। मंगला झाँकी से प्रातःकाल ही ठाकुरजी को मफलर, शाल, मोजा और दस्ताने पहनाना प्रारंभ कर देंगे। गर्भगृह में अंगीठी सेवा भी शुरू होगी। ठाकुरजी को कच्चे भोग के रूप में खिचड़ी, महेरी, कढ़ी, बाजरा, मूंग, मोगर, भात, फुल्का, खीर, हलवा, गजक आदि का भोग लगाया जाएगा. इसके अलावा शाम को दूध, हलवा, तिल की बर्फी, तिल की बर्फी, मूंगफली, गजक, रेवड़ी, गोंद के लड्डू आदि चढ़ाने की परंपरा है। निम्बार्क संप्रदाय में उदयतिथि के दिन पर्व मनाने की परंपरा है। इसलिए प्रात: काल द्वादशी आएगी। इसलिए व्यास द्वादशी 4 दिसंबर को मनाई जाएगी।

फूलबंगला की झांकी भी सजाई जाएगी: देवस्थान विभाग की ओर से चार दिसंबर को प्रदेश के पांच मंदिरों में वयासन द्वादशी का आयोजन किया जाएगा। 56 भग के अलावा भरतपुर के बिहारीजी मंदिर में फूलबंगला झांकी भी सजाई जाएगी। साथ ही प्रसाद वितरण होगा। देवस्थान विभाग ने बृजनिधि मंदिर, चांदनी चौक, जयपुर, रसिक बिहारी मंदिर, नयनी बाई, जोधपुर, मथुराधीश मंदिर, अलवर, जगदीश चौक जगदीश मंदिर, उदयपुर सहित बिहारी जी मंदिर किला, भरतपुर में उत्सव मनाने का निर्णय लिया है. इसके लिए विशेष बजट जारी किया गया है।

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