फतहसागर में गंदे पानी के कारण ही मरी मछलियां

Update: 2023-08-10 08:42 GMT
उदयपुर। उदयपुर फतहसागर झील में मृत मिली मछलियों ने एक बार फिर झीलों की स्वच्छता के दावों की पोल खोल दी। झील प्रेमियों के आरोप के बाद बुधवार को मत्स्य विभाग ने भी स्वीकारा कि फतहसागर झील के रानी रोड वाले हिस्से में मस्तान बाबा कॉलोनी के पास का गंदा पानी गिर रहा है। इससे झील में कार्बन की मात्रा बढ़ रही है और मछलियों की मौत हो रही है। हालांकि वे मृत छोटी मछलियों को खरपतवार बता रहे हैं, जो स्वयं पैदा होती हैं और झील को कोई फायदा नहीं पहुंचाती। बता दें कि प्रदूषण विभाग ने मंगलवार को झील के पानी के सैंपल लिए हैं। रिपोर्ट 7 दिन में आएगी।
मत्स्य विभाग के धर्मेश सोड़ानी ने बताया कि बुधवार को ठेकेदार से मौके पर भेजकर मछलियों के मरने की जांच करवाई। एक ही जगह खरपतवार मछलियां मरी हुई मिलीं। वहीं से नाले का गंदा पानी झील में गिरता है। इससे जलीय जीव को बेचैनी और घबराहट होती है और छोटी मछलियां सहन नहीं कर पाती। गंदा पानी रोकने के लिए यूआईटी को एक्शन लेना चाहिए। जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता निर्मल मेघवाल का कहना है कि गंदे पानी को रोकने की जिम्मेदारी यूआईटी की है।
इस बारे में बात करने के लिए जब यूआईटी अभियंता निर्मल सुथार को फोन लगाए गए तो उन्होंने नहीं उठाया। वहीं यूआईटी ओएसडी निर्मल छायल ने कहा कि इस बारे में कलेक्टर या सेक्रेटरी ही बता सकते हैं। हालांकि सुथार ने मंगलवार को मौके पर सफाई करवाने की बात कही थी। इधर, झील प्रेमी तेजशंकर पालीवाल का आरोप है कि फतहसागर झील में श्मशान घाट की तरफ से भी पिछले कई दिनों से गंदा पानी मिल रहा है। इसका कारण यूआईटी की सीवर लाइन ब्लॉक होना है, जिससे पानी झील में आ रहा है। बता दें कि इससे पहले फतहसागर में 25 जून को भी मृत मछलियां मिली थी। लेकिन तब प्रदूषण विभाग ने पानी में कोई गड़बड़ी नहीं मिली थी।
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